कैंटोनमेंट बोर्ड सीईओ के खिलाफ सड़क पर पार्षद, कहा- फोन नहीं उठाती अधिकारी
कैंटोनमेंट बोर्ड की सीईओ के खिलाफ वीरवार सुबह 11 बजे पार्षदों ने बोर्ड आफिस के बाहर धरना लगा लगा दिया। पांच पार्षदों और उनके स्वजनों के साथ स्थानीय लोग भी धरने में शामिल हुए।
संवाद सूत्र, फिरोजपुर : कैंटोनमेंट बोर्ड की सीईओ के खिलाफ वीरवार सुबह 11 बजे पार्षदों ने बोर्ड आफिस के बाहर धरना लगा लगा दिया। पांच पार्षदों और उनके स्वजनों के साथ स्थानीय लोग भी धरने में शामिल हुए। इस दौरान पार्षदों ने आरोप लगाया कि जब से बोर्ड में महिला सीईओ ने कार्यभार संभाला है, तभी से वह ना तो उनके फोन उठाती है और ना ही कोई बात सुनती है।
धरने में शामिल पार्षद सेबेस्टियन राय, जोरा सिंह, उपाध्यक्ष सपना तायल के पति दिनेश तायल, पार्षद दीप्ती कद के पति विशाल हैप्पी कद, रीना मोंगा के पिता त्रिलोक पायलट ने अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी की। सीईओ प्रोमिला जयसवाल खुद धरने पर पहुंची तो प्रदर्शनकारियो उनका विरोध किया, जिसके बाद वह बिना बात किए कार्यालय लौट गई। पार्षदों और बोर्ड अधिकारियों की शुक्रवार को मीटिग के आश्वासन पर करीब तीन घंटे बाद धरना दोपहर दो बजे धरना उठाया गय ।
दिनेश तायल ने कहा कि उसकी पत्नी को लोगो ने बहुमत के साथ पार्षद चुना था और लोगो की समस्याओ का हल करवाना उनकी जिम्मेदारी है लेकिन सीईओ ना तो उनसे मिलती है व ना ही फोन पर उनकी बात सुनती है।
वहीं जोरा सिंह ने आरोप लगाया कि ठेके पर रखे सफाई कर्मचारियों को पिछले अढ़ाई महीने का वेतन नही दिया गया, जबकि ठेकेदार कर्मचारियों से प्रति माह रजिस्ट्रेशन के एक हजार की डिमांड करता है। उन्होंने मांग की कि ठेकेदार का ठेका रद किया जाए। हाऊस टैक्स व वाटर टैक्स में की बढ़ोतरी को कम किया जाए । मिड-डे मिल कर्मचारियों को बोर्ड की ओर से दिया जाने वाला पांच हजार का वेतन जो अब बंद कर दिया है, उसे वापस दिया जाए। दुकानों के आगे शेड तोड़ने की कार्यवाही को बंद किया जाए। सीईओ के कार्यभार संभालने से पहले डवलपमेंट के जो टेंडर हुए थे, वे काम शुरू करवाए जाएं। पार्षदों ने कहा कि छावनी का व्यापार सेना पर निर्भर करता है। एक माह रह गया पार्षदो का कार्यकाल
पार्षदों का कार्यकाल एक माह का रह गया है । 11 जनवरी 2015 में बोर्ड के चुनाव होने के बाद पिछले साल छह-छह माह के लिए दो बार पार्षदो को एक्सटेंशन दी गई थी, जोकि फरवरी में खत्म हो रही है। । अगर रक्षा मंत्रालय की ओर से चुनाव की तिथि घोषित हो जाती है तो चुनाव होगा, नहीं तो सिविल कमेटी का एक सदस्य बोर्ड की ओर से सीधे चुन लिया जाता है। ऐसा पहली बार हुआ है कि पार्षदों ने खुलकर बोर्ड अधिकारी के खिलाफ कार्यालय के बाहर धरना लगाया हो। आपसी बातचीत से हल किया जाएगा मामला : मनजीत सिंह
बोर्ड कार्यालय के सुपरिटेंडेंट मनजीत सिंह हीरा ने कहा कि पार्षदो की जो मांगे हैं, उनका आपसी बातचीत के माध्यम से समाधान निकाला जाएगा। मिड-डे मिल का मामला बोर्ड के अंतर्गत नही आता है।