पाबंदी के बाद भी बिक रही चाइनीज डोर
बसंत पंचमी का त्योहार नजदीक आते ही जिले में चाइनीज डोर की बिक्री फिर से शुरू हो चुकी है।
अशोक शर्मा, फिरोजपुर : बसंत पंचमी का त्योहार नजदीक आते ही जिले में चाइनीज डोर की बिक्री फिर से शुरू हो चुकी है। पाबंदी के बाद भी शहर के बाजारों में चाइनीज डोर की बिक्री हो रही है, लेकिन चाइनीज डोर के कारण कई हादसे होने के बाद भी पुलिस इसकी बिक्री रोकने में नाकाम है।
फिरोजपुर में बसंत पंचमी पर विदेशों से भी पतंगबाजी के शौकीन पहुंचते हैं। जिले में हर साल चाइनीज डोर का दो से तीन करोड़ से अधिक का कारोबार होता है। फिरोजपुर में अभी तक तीन चाइनीज डोर के सप्लायर पकड़े गए, लेकिन उनको जमानत देकर छोड़ दिया गया। चाइनीज डोर जहां इंसान और पशु-पक्षियों के लिए जानलेवा है, वहीं भारतीय व्यापार भी इसका बुरा असर रहा है।
देसी मांझे से डोर तैयार करने वाले संतोश कुमार, सतीश छारियां व पवन छारियां ने कहा कि पिछले 20 साल से देसी मांझे से डोर तैयार कर रहे हैं। पतंगबाजी के शौकीन युवा उनसे विशेष रूप में देसी मांझे से डोर बनवा रहे है। उनका कहना है कि जहां चाइनीज डोर चोरी छिपे 500 रुपये का गटटू बिक रहा है, वहीं देसी डोर वह 200 और 300 रुपए प्रति रोल के हिसाब से बेच रहे है और यह चाइनीज डोर के मुकाबले काफी किफायती है और जानलेवा नहीं। पिछले साल जिले में हुए थे पांच हादसे
चाइनीज डोर के कारण फिरोजपुर में पिछले साल हाथ और चेहरा कटने के पांच मामले आए। पतंगबाजी में बच्चों की उंगलियां कटना आम बात है। डोर विक्रेता बच्चों को उंगलियों पर बेंडेड तक लगाने की सलाह देते हैं। सिविल अस्पताल में डा.निखिल गुप्ता सर्जन ने बताया कि चाइनीज डोर से होने वाले 10-12 हादसे हर साल आ जाते हैं।
इन्होंने सहे जख्म
-अरुण कुमार प्रधान वेल्फेयर क्लब फिरोजपुर के जनवरी माह में मोटरसाइकिल पर जाते हुए चाइनीज डोर की चपेट में आ गए थे, जिससे उनके चेहरे पर पांच टांके लगे थे।
राकेश रिकू 26 जनवरी 2021 को फिरोजपुर शहर गले में चाइनीज डोर लगने से 10-12 टांकें लगाने पड़े और इलाज के लिए बाहर रेफर करना पड़ा।
- राजेश ढींगरा निवासी मल्लवाल रोड फिरोजपुर 2020 में बसंत वाले दिन चाइनीज डोर की चपेट में आ गए थे, जिनके गले पर गहरा घाव होने से 15-16 टांकें लगे व काफी दिन बिस्तर पर रहना पड़ा। कोड वर्ड से हो रही जानलेवा डोर की बिक्री
चाइनीज डोर शहर के बांसी गेट, मेगजीनी गेट, कांशी नगरी, अंदरुनी बाजार में होने की संभावना होती है। वैसे छावनी में अड्डा लाल कुड़़ती, खलासी लाईन व टैंका वाली बस्ती में अदरुनी बाजार में चोरी छिपे से यह डोर कोड से मिलती है, जैसे कोई पैच वाली डोर व इंपोरटिड डोल नाम से डोर बेची जा रही है। पुलिस करती है छापेमारी : डीएसपी डीएसपी सतिदर सिंह ने बताया कि इसमें कोई शक नहीं की यह डोर घातक व खतरनाक है। पुलिस समय-समय पर खास करके बसंत के दिनों डोर की बिक्री रोकने के लिए छापे मारती है और काफी मात्रा में डोर पकड़ी भी गई है।