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घोड़ी बेचने के चक्कर में फंस गया जाल में, 17 लाख रुपये के लालच में ऐसे गंवा दिए 6.70 लाख

घोड़ी बेचने के चक्कर में एक व्यक्ति ऐसे फंसा कि अपने 6.70 लाख रुपये भी गंवा बैठा। आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज कर दिया गया है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 23 Dec 2019 03:47 PM (IST)Updated: Tue, 24 Dec 2019 09:11 AM (IST)
घोड़ी बेचने के चक्कर में फंस गया जाल में, 17 लाख रुपये के लालच में ऐसे गंवा दिए 6.70 लाख
घोड़ी बेचने के चक्कर में फंस गया जाल में, 17 लाख रुपये के लालच में ऐसे गंवा दिए 6.70 लाख

फिरोजपुर [अमनदीप सिंह]। घोड़ी बेचने के चक्कर में एक व्यक्ति ऐसे फंसा कि अपने 6.70 लाख रुपये भी गंवा बैठा। दरअसल, वह अपनी घोड़ी बेचना चाहता था, लेकिन खरीदारोंं ने कहा उन्हें दो घोड़े और चाहिए। इसकेे बाद उन्होंने ऐसे उलझाया कि वह पैसे गंवा बैठा। कुलगड़ी पुलिस मेें मामलेे की शिकायत 26 फरवरी 2018 को दी गई थी। क्राइम ब्रांच ने अब जांच रिपोर्ट के आधार पर चार आरोपितों के खिलाफ धारा 420, 120-बी के तहत धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया है। आरोपितों में गांव लहिरा, मौजूदा गांव ढिलवां नाभा तहसील तपा मंडी, बरनाला निवासी कुलदीप सिंह, गांव ढिलवां, बरनाला निवासी मेवा सिंह, गांव माहीनंगल, बठिंडा निवासी जतिंद्र सिंह और गांव माहीनंगल, बठिंडा गुरसेवक सिंह शामिल हैं। 

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फिरोजपुर के गांव झोक हरीहर निवासी मुल्ख राज ने बताया कि वह करियाने की दुकान करते हैं। उन्होंने एक सफेद घोड़ी रखी है। ढाई साल पहले उनके पास कुलदीप सिंह, गुरसेवक सिंह और जतिंद्र आए और कहा कि उन्हें घोड़ी खरीदनी है। 2 लाख रुपये में सौदा तय हुआ। फिर एक लाख रुपये साईं देकर आरोपितों ने उन्हें 1 लाख और देकर घोड़ी ले जाने की बात कही। अगले दिन उक्त तीनों आए और उन्होंने कहा कि उनके सेठ को घोड़े चाहिए। वह उनके साथ चले और घोड़े पसंद करे। वह सेेठ को 17 लाख रुपये में घोड़े बेच देंगे। 

मुल्खराज के मुताबिक आरोपित उसे पहले फिरोजपुर के ब्लाक ममदोट के 2 गांवों में लेकर गए। वहां घोड़े देखे, लेकिन पसंद नहीं आए। फिर फिरोजपुर के मानसा रोड, गांव नाभा ढिलवां में गए, जहां दो घोड़े पसंद आए। वहां घोड़े बेचने वाला भी आरोपितों से मिला था। इसकी उसे जानकारी नहीं थी। वहां दो घोड़ों का 6.70 लाख रुपये में सौदा तय हुआ।

तभी आरोपित मेवा सिंह ने उसे कहा कि उसके पास अभी पैसों का प्रबंध नहीं हो पाया है। उसने मुल्ख राज को कहा कि वह घोड़ों के पैसे दे दे और घोड़ों को अपने घर ले जाए। वहां वह उसकी घोड़ी और दो घोड़ों के सेठ से 17 लाख रुपये दिलवा देगा। मुल्खराज ने कुछ दिनों के लिए उधार उठाकर 6.70 लाख रुपये मेवा सिंह को दे दिए। इसके बाद मुल्ख राज घोड़े अपने घर ले आया। 

मुल्खराज के मुताबिक जब वह फिरोजपुर पहुंचा तो आरोपितों के फोन बंद आने लगे। जब उसने आरोपितों के गांव जाकर पता किया तो मालूम पड़ा कि वे मवेशियों को बेचने और खरीद की आड़ में ठगी करते हैं। फिर उसने क्राइम ब्रांच में शिकायत दर्ज करवाई तो एक दफा आरोपित क्राइम ब्रांच पहुंचे। बीते दिन क्राइम ब्रांच की शिकायत के आधार पर उक्त चारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो गया। फिलहाल आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

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