अमृत और स्वार्थ सिद्धी योग में चैत्र नवरात्र : पंडित सतीश कुमार
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार इस बार अमृत सिद्धि और स्वार्थ सिद्धि योग में चैत्र नवरात्र।
संवाद सहयोगी, फिरोजपुर : ज्योतिषशास्त्र के अनुसार इस बार अमृत सिद्धि और स्वार्थ सिद्धि योग में चैत्र नवरात्र का आरंभ हो रहा है। 13 अप्रैल को चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि पड़ रही है। पंडित सतीश कुमार ने बताया कि इसी दिन नवरात्र का कलश स्थापित किया जाता है। इस दिन चंद्रमा मेष राशि में रहेगा, देर रात सूर्य भी मेष में आएगा। ऐसे में यह भी अद्भुत संयोग है कि राशि चक्र की पहली राशि में चैत्र नवरात्र यानी संवत के पहले दिन ग्रहों के राजा और रानी स्थित होंगे।
नवरात्र का आरंभ अश्विनी नक्षत्र में होगा, जिसके स्वामी ग्रह केतु और देवता अश्विनी कुमार हैं जो आरोग्य के देवता माने जाते हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि माता देश दुनिया में व्याप्त महामारी से परेशान लोगों को राहत अवश्य दिलाएंगी। इस बीच गुरु भी मकर राशि से कुंभ में आ चुके होंगे। गुरु का यह परिवर्तन भी कठिन समय से कुछ राहत दिलाने वाला होगा।
अमृत सिद्धि योग
अमृत सिद्धि योग विशेष शुभ प्रदान करने वाला और हर कार्य में लाभ देने वाला माना गया है। ज्योतिष शास्त्र में ऐसा माना जाता है कि अमृत सिद्धि योग और स्वार्थ सिद्धि योग एक साथ आते हैं। मान्यता है कि अमृत सिद्धि योग में जो कार्य किए जाते हैं उनमें स्थायित्व की प्राप्ति होती है और शुभ फल देने वाले माने जाते हैं। अगर आप भूमि पूजन, भवन निर्माण या फिर कोई नया कामधंधा शुरू करने के बारे में सोच रहे हैं तो इस नवरात्र में आरंभ कर सकते हैं। इन सभी कार्यों में आपको शुभ फल की प्राप्ति होगी। स्वार्थ सिद्धि योग
स्वार्थ सिद्धि योग का संबंध मां लक्ष्मी से होता है, ऐसा माना जाता है कि इस योग में कार्य का आरंभ करने से वह कार्य सिद्धि देने वाला और सफल माना जाता है। स्र्वार्थ सिद्धि योग में जो भी शुभ कार्य किए जाते हैं उन सभी में आपको सफलता प्राप्त होती है और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। माना जाता है कि यह योग जिस दिन लगा हो उस दिन कार्य करने से बिना बाधा के वह कार्य पूर्ण होता है और सुख समृद्धि आती है।