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गायनेकालोजिस्ट बन पूरा किया मां का सपना

मां की इच्छा पर डाक्टर बनी और अब महिलाओं का इलाज कर मातृत्व का सुख दे दिल को सुकून मिलता है। यह कहना है सिविल अस्पताल फिरोजपुर में गायनेकालोजिस्ट पद पर तैनात डा. पूजा का। डा. पूजा अब तक कोविड से पीड़ित 25 महिलाओं की सफल डिलीवरी करवा चुकी हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 May 2021 09:54 AM (IST)Updated: Sun, 09 May 2021 09:54 AM (IST)
गायनेकालोजिस्ट बन पूरा किया मां का सपना
गायनेकालोजिस्ट बन पूरा किया मां का सपना

तरूण जैन, फिरोजपुर : मां की इच्छा पर डाक्टर बनी और अब महिलाओं का इलाज कर मातृत्व का सुख दे दिल को सुकून मिलता है। यह कहना है सिविल अस्पताल फिरोजपुर में गायनेकालोजिस्ट पद पर तैनात डा. पूजा का। डा. पूजा अब तक कोविड से पीड़ित 25 महिलाओं की सफल डिलीवरी करवा चुकी हैं।

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डा. पूजा का कहना है कि पहली बार जब कोरोना संक्रमित महिला की सफल डिलीवरी की तो मां की खुशी का ठिकाना न रहा। उन्होंने बताया कि 14 वर्ष पहले पिता सुखदेव राज की मृत्यु होने के बाद मां निर्मला ने बिल्कुल भी पिता की कमी महसूस नहीं होने दी। पूजा बताती हैं कि वह मेडिसिन में एमडी करना चाहती थी, लेकिन उनकी मां की इच्छा थी कि वह गायनी स्पेशलिस्ट बनें। मां शिक्षा विभाग में थी। मां की इच्छा पूरे करने के लिए अमृतसर मेडिकल कालेज से पढ़ाई की। 2013 में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल करने के बाद चार साल से गायनेकालोजिस्ट की सेवाएं निभा रही हैं। डा. पूजा बताती हैं कि अब तक वह 25 कोविड पाजीटिव महिलाओं की डिलीवरी करवाने के अलावा 1080 से ज्यादा महिलाओं की डिलीवरी करवा चुकी हैं। 21 अगस्त 2020 को उन्होंने पहली बार कोविड संक्रमित महिला की डिलीवरी करवाई तो उसकी मां का सिर गर्व से ऊंचा हुआ था। उसके बाद उसक हौसले को उड़ान मिली और कोविड संक्रमित मरीजों के इलाज पर विशेष ध्यान दिया। डेढ़ महीना पहले ही उनकी इंजीनियर राकेश कुमार के साथ शादी हुई है और कोविड के चलते अभी उन्होंने कोई फैमिली पार्टी भी नहीं की। उनके पूरे परिवार में वह पहली डाक्टर है, जबकि उसके दो भाई बिजनेसमैन व एक भाई सरकारी नौकरी करता है। कोरोना के कारण नहीं मिल पाती मां से

डा. पूजा बताती है कि वह एक मां का दुख अच्छी तरह समझती हैं और उनकी मां ने जिस तरह उनकी परवरिश की, उसे वह कभी भुला नहीं पाएगी। पहले वह अपनी मां से रोज मिलती थी, लेकिन कोविड के चलते वह मां से मिल भी नहीं पाती है और उनसे जब बात भी करती है तो उन्हें कोविड संबंधी सावधानी बरतने की ही सलाह देती है। महामारी में गर्भवती महिलाएं रखें अधिक ध्यान

गर्भवती महिलाओं को संदेश देते हुए डा. पूजा ने कहा कि कोरोना के दौर में वह घर से बाहर ना निकलें, क्योंकि उनके साथ एक नही बल्कि दो व अन्य जिदगियां जुड़ी हुई है। गर्भवती महिलाओं को हमेशा मास्क पहनकर रखने के अलावा समय-समय पर हाथ धोने, सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने के अलावा अन्य लोगो को दूरी बनाकर रखनी चाहिए।


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