छनकती है तेरी पायल, तो किस को होश रहता है, इस पायल में एक घुंघरू है जो खामोश रहता है..
उसने मांगी सारी दुनिया मैंने उसको मांगा है उसका सपना एक तरफ मेरा सपना एक तरफ। इस शायराना अंदाज में लुधियाना के जवां शायर वरुण आनंद ने अपने कलाम पेश किए तो तालियों की गड़गहड़ाहट से सारा पंडाल गूंज उठा।
अमनदीप सिंह/ जतिन्द्र पिकल, फिरोजपुर : उसने मांगी सारी दुनिया मैंने उसको मांगा है, उसका सपना एक तरफ मेरा सपना एक तरफ। इस शायराना अंदाज में लुधियाना के जवां शायर वरुण आनंद ने अपने कलाम पेश किए तो तालियों की गड़गहड़ाहट से सारा पंडाल गूंज उठा। यह मौका था, विवेकानंद वर्ल्ड स्कूल में शनिवार रात हुए 12वें ऑल इंडिया महफिल-ए-मुशायरे का। वरूण आनंद ने एक तरफ जहां मोहब्बत इश्क की बातें थी तो दूसरी तरफ अपने महबूब की इज्जत से लबरेज दिल था से इश्क को बयां किया। सिरसा से आए दिनेश हरमन ने जब छनकती है पायल तो किसको होश रहता है, कि इस पायल में है एक घुंघरू जो खामोश रहता है सुनाकर वाहवाही बटोरी। हास्य व्यंग के शायर कलीम समर ने तो हद कर दी जब उन्होंने अपने शायर, जिसमें कि तेरे बाप के पास चप्पल के भी पैसे न थे, वो तेरा कोठे पर नंगे पांव आना याद है, ने सारी महफल को ठहाके मार कर हंसने पर मजबूर कर दिया। आइपीएस अधिकारी होने के साथ ही नामावर शायरों में अपना नाम दर्ज करवा चुके फैयाज फारूखी ने हर एक बुराई को बदलने खड़े है, जुर्म की दुनिया में गजल लेकर खड़े है, के जरिये पुलिस की एक सच्ची तस्वीर का आइना दिखा दिया। मुशायरे सुनने बैठे श्रोताओं ने खूब लुत्फ उठाया। इस मुशायरे में मुख्य रूप से दैनिक जागरण के स्थानीय संपादक अमित शर्मा ने भी शिरकत की। इन शब्दों ने कार्यक्रम में जमाया रंग
गहराई में आबाद होना चाहता हूं, बनाए कोई महल मैं बुनियाद होना चाहता हूं
राजेश मोहन जमीं से जो रिश्ता जोड़ते है, वहीं अकसर हवाओं का रूख मोड़ते है
रिताज मैनी तेरे पहलू में हो सर तो कजा आ जाए, मैं तेरा नाम लूं और छम से खुदा आ जाए
गुरतेज साज टूटेगा तो, आहंग दुहाई देंगे
अफजल इलाहाबादी रौनक-ए-दिल निखार कर रखिए, उसका गम है संवार कर रखिए
वरूण वाहिद बड़ा मुश्किल है सबक किसको याद रहता है, मोहब्बत जो निभाता है वही बरबाद होता है
हसीब सोज चांद भी हैरान है दुनिया परेशानी में है, अक्स किसका है जो इतनी रोशनी पानी में है
फरद अहसास