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217 स्कूलों में 1.83 करोड़ की लागत से लगेगी 282 सेनेटरी नैपकिन वेंडिग मशीने, जल्द शुरू होगा कम

फिरोजपुर के सभी 217 सरकारी स्कूलों में 1.83 करोड़ रुपये की लागत के साथ 282 सेनेटरी नैपकिन वेंडिग मशीनों और इंसीनेटर लगाने का प्रोजेक्ट शुरू हो गया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 11 Jan 2020 11:02 PM (IST)Updated: Sat, 11 Jan 2020 11:02 PM (IST)
217 स्कूलों में 1.83 करोड़ की लागत से लगेगी 282 सेनेटरी नैपकिन वेंडिग मशीने, जल्द शुरू होगा कम
217 स्कूलों में 1.83 करोड़ की लागत से लगेगी 282 सेनेटरी नैपकिन वेंडिग मशीने, जल्द शुरू होगा कम

जागरण संवाददाता, फिरोजपुर : फिरोजपुर के सभी 217 सरकारी स्कूलों में 1.83 करोड़ रुपये की लागत के साथ 282 सेनेटरी नैपकिन वेंडिग मशीनों और इंसीनेटर लगाने का प्रोजेक्ट शुरू हो गया है। अगले कुछ ही दिनों में मशीनों को लगा दिया जाएगा। माहवारी के दिनों में लड़कियों में सफाई, सेहत और सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ेगी। सरकार का यह सराहनीय कदम होगा।

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फिरोजपुर के लड़कियों के स्कूल में जानकारी देते हुए विधायक परमिद्र सिंह पिकी ने बताया कि कॉर्पोरेट सोशल रिसपांसिबिलिटी प्रोग्राम (सीएसआर) के अंतर्गत शक्ति ग्रिड की तरफ से यह मशीनें उपलब्ध करवाई जा रही हैं। उन्होंने बताया कि पहली बार सेनेटरी नैपकिन वेंडिग मशीनों के साथ इंसीनेटर मशीन भी लग रही हैं, जिसके साथ इस्तेमाल हो चुके सेनेटरी नैपकिनस को वैज्ञानिक तरीके के साथ खत्म किया जा सकता है। हरेक मशीन के साथ एक इंसीनेटर भी लगाया जाएगा। जिले की सभी अपर प्राथमिक स्तर के लड़कियों और को-एजुकेशन वाले सरकारी स्कूलों में यह मशीने लगाई जाएंगी। चार महीने पहले उन्होंने लड़कियों के एक सरकारी स्कूल में समारोह दौरान यह मशीनें लगाने का वादा किया था, जिसको पूरा कर दिया है।

उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट को फिरोजपुर में लाने के लिए कई प्रयास किये गए, जिसके बाद यह सफलता मिली है। सभी सरकारी स्कूलों में इस तरह की सुविधा वाला फिरोजपुर पहला जिला है। बाकी की पार्टियां इस मुद्दे पर सिर्फ बातें करती हैं, जबकि उन्होंने जमीनी स्तर पर यह प्रोजेक्ट लाया है। इस मौके पर डीइओ कुलविद्र कौर, डिप्टी डीइओ सुखविद्र सिंह और कोमल अरोड़ा आदि मौजूद रहे।

इस्तेमाल करने का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा

विधायक पिकी ने बताया कि माहवारी के दिनों में स्कूलों में सेनेटरी नैपकिन की सुविधा नहीं होने की वजह के साथ स्कूलों में लड़कियों की संख्या काफी कम हो जाती है, लेकिन इन मशीनों के लगने से माहवारी के दिन में भी लड़की स्कूल में अपनी पढ़ाई जारी रख सकेंगी और उनकी पढ़ाई पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। स्कूल की हाजिरी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। ब्लाक स्तर पर प्रशिक्षण सेंटर भी बनाए जा रहे हैं, जहां इन स्कूलों के साथ संबंधित लड़कियों को सेनेटरी नैपकिन मशीनों इस्तेमाल करन और इंसीनेटर को इस्तेमाल करने का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।


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