नया श्रम कानून लागू होने से विभागों में बढ़ा तनाव
केंद्र सरकार द्वारा श्रम विभाग के 29 कानूनों को चार कानूनो में मर्ज करनेका विरोध।
संवाद सूत्र, फिरोजपुर : केंद्र सरकार द्वारा श्रम विभाग के 29 कानूनों को चार कानूनो में मर्ज कर राज्यो को उन पर कानून बनाने के दिए आदेश के बाद पंजाब में नए बने कानूनों के बाद विभाग में आपसी खींचतान की स्थिति बनी हुई है। पता चला है कि लेबर विग व फैक्ट्री विग के अधिकारियो व कर्मचारियों द्वारा सरकार से पत्र व्यवहार कर एक-दूसरे को ज्यादा अधिकार देने की बात कही जा रही है। सरकार द्वारा बनाए कानूनो के बाद पंजाब सरकार ने एक जुलाई कि व्यापारियों सहित उद्योगों से एतराज मांगे हैं, लेकिन नए कानूनों के विरोध में व्यापारी लामबंद होने शुरू हो गए है। व्यापारियों का कहना है कि जिस तरह पहले उनके साथ चलता था, वैसे ही चलने दिया जाए। नए कानून थोपकर उन्हें कुचलने की कोशिश न की जाए।
एक तरफ कोविड-19 के कारण उद्योग व व्यापार जगत में मंदी का माहौल है तो वही जीएसटी सहित अन्य कानूनो के बोझ तले भी व्यापारी स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रहा है। जानकार बताते है कि नए कानूनो के तहत सरकार द्वारा फैक्ट्री विग को भी होटलों, अस्पतालो सहित अन्य जगह जहां पर 10 से ज्यादा कर्मचारी तैनात है, वहां चेकिग के अधिकार दिए है। इससे पहले फैक्ट्री विग द्वारा बड़े उद्योगों की जांच की जा रही है।
नए कानूनो के तहत विभाग द्वारा एक हजार से 50 हजार रुपये तक रजिस्टर्ड फीस लगाने का प्रावधान भी रखा है। बेशक मीडिया के सामने दोनों विभागों के अधिकारी खुलकर सामने न आ रहे हो, लेकिन विभागीय स्तर पर पत्र व्यवहार कर एक-दूसरे के अधिकार छीनने का दौर शुरू हो गया है। सूत्र बताते है कि नए नियम लागू होते हैं तो जिन लघु उद्योगों में 10 से ज्यादा कर्मचारी कार्यरत है, वहां पर डिप्टी डायरेक्टर फैक्ट्री भी जांच कर सकेंगे। ऐसे में एक संस्थान पर लेबर विग तथा फैक्ट्री विग दोनो द्वारा ही नियमों का हवाला देकर जांच की जा सकती है।
एक अधिकारी ने नाम ना प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि श्रम विभाग के कानून 143-2- के तहत जो अधिकारी जो काम करते है वही कार्य करेंगे, लेकिन नए नियम की धारा 150 के तहत असिस्टेंट डायरेक्टर भी लघु उद्योगो की जांच कर सकेंगे।
व्यापार मंडल के प्रधान चन्द्रमोहन हांडा लालो ने कहा कि व्यापारी वर्ग पहले ही विभिन्न समस्याओ से जूझ रहा है। सरकार को चाहिए कि जैसा पहले चलता था, वैसे ही कार्य करती रहे ताकि व्यापारियों को कानून का डंडा दिखाकर अधिकारियो द्वारा तंग-परेशान ना किया जाए। उन्होंने कहा कि वह खुद विभाग को नियमो पर एतराज भेजेंगे।
श्रम विभाग के डिप्टी डायरेक्टर फैक्ट्री गौरव पुरी ने कहा कि फिलहाल फिरोजपुर से उनके कार्यालय में कोई एतराज प्राप्त नही हुआ है। सरकार ने राज्य भर में उद्योगों व अन्य से एतराज मांगे हैं।