फिरोजपुर में दूसरे दिन भी 80 बसें रहीं बंद
रोडवेज के कांट्रैक्ट बेस मुलाजिम दूसरे दिन भी हड़ताल रहे है।
संवाद सहयोगी, फिरोजपुर : रोडवेज के कांट्रैक्ट बेस मुलाजिम दूसरे दिन भी हड़ताल रहे है। कर्मचारियों की हड़ताल के कारण लगभग 80 बसें तीन डिपूओं में बंद रही। दूसरी ओर बसों के पहिये रुकने के कारण उन महिलाओं को परेशानी का सामना करना पड़ा जिन्होंने फिरोजपुर से फाजिल्का की तरफ जाना था। इसी रूट पर सबसे ज्यादा सरकारी बसों का आना जाना होता है।
इस दौरान यूनियन के प्रदेश प्रधान रेशम सिंह गिल, जतिंद्र सिंह, सचिव कंवलजीत मानोचाहल ने कहा कि सरकार 10 हजार बसों का फ्लीट पूरा करे, सभी कर्मचारियों को पक्का कर और कर्मचारियों की सभी जायज मांगों को पूरा करें, ताकि वह अपना काम शांति के साथ कर सके। उन्होंने कहा कि यदि 9 दिसंबर की कैबिनेट बैठक में उनकी मांगों का हल नहीं हुआ तो वह 10 दिसंबर को मुख्यमंत्री के निवास स्थान का घेराव करेंगे। इस मौके पर सुरजीत सिंह, हरजीत सिंह ने भी संबोधित किया।
फाजिल्का से चली चार रेगुलर बसें, घंटों इंतजार करते रहे लोग जागरण संवाददाता, फाजिल्का : पंजाब रोडवेज, पनबस पीआरटीसी कांट्रैक्ट वर्कर यूनियन की हड़ताल के चलते 20 के करीब बसों का पहिया जाम होने सेलोगों को भारी परेशानियां झेलनी पड़ रही है। केवल चार रेगुलर बसों के चलने के कारण यात्रियों को बस स्टैंड पर घंटों बसों का इंतजार करना पड़ रहा है।
यूनियन के प्रधान मनप्रीत सिंह, डिपो सेक्रेटरी गुरबखश लाल, दलजीत सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार की ओर से लंबे समय से ट्रांसपोर्ट विभाग के कच्चे मुलाजिमों को पक्का नहीं किया जा रहा।। इस मौके उड़ीक चंद, प्रितपा सिंह ने कहा कि अगर उनकी मांगों का हल ना हुआ तो 10 दिसंबर को ट्रांसपोर्ट मंत्री व मुख्यमंत्री पंजाब के क्षेत्र में रोष मार्च व धरने दिए जाएंगे।
जलालाबाद के बस स्टैंड पर मौजूद महिला सुनीता रानी ने बताया कि वह अपने बेटे के साथ फाजिल्का जाने के लिए बस स्टैंड पर पहुंची थी। दोपहर करीब एक बजे बस स्टैंड पर पहुंचने पर काफी समय बस का इंतजार किया, लेकिन किसी बस के ना आने पर जब उसने आसपास पूछा तो पता चला कि कर्मचारी हड़ताल पर हैं और कुछ रेगुलर बसें ही चल रही हैं, जबकि ट्रेन का समय पूछने पर पता चला कि अब शाम सात बजे ही ट्रेन फाजिल्का की तरफ जाएगी, जिस कारण उसे काफी समय तक बस का इंतजार करना पड़ा। इसके अलावा फाजिल्का के बस स्टैंड पर भी लोग बसों का इंतजार करने को मजबूर हुए। ये हैं यूनियन की मुख्य मांगे
1. 10 हजार नई बसें चलाई जाए।
2. ठेका कर्मचारियों को बिना किसी शर्त पक्का किया जाए।
3. डाटा एंट्री आपरेटरों के वेतन में बढ़ावा किया जाए।
4. अवैध शर्ते रखकर निकाले गए कर्मचारियों को तुरंत बहाल किया जाए।