बैसाखी मनाने पाकिस्तान के लिए रवाना हुआ 133 श्रद्धालु
खालसा पंथ के स्थापना दिवस यानी बैसाखी पर्व मनाने के लिए फिरोजपुर से रवाना हुए।
संवाद सहयोगी, फिरोजपुर :
खालसा पंथ के स्थापना दिवस यानी बैसाखी पर्व मनाने के लिए फिरोजपुर से 133 श्रद्धालुओं का जत्था पाकिस्तान के लिए सोमवार को रवाना हो गया। ये जत्था अमृतसर के बाघा बार्डर से पाकिस्तान में प्रवेश में प्रवेश किया। श्रद्धालुओं का ये जत्था भाई मर्दाना यादगारी कीर्तन दरबार सोसायटी की देखरेख में पाकिस्तान के लिए रवाना हुआ। संस्था के प्रधान हरपाल सिंह भुल्लर ने बताया कि ये जत्था गुरुद्वारा पंजा साहिब, हसन अब्दाल के लिए रवाना हुआ है। एसजीपीसी खालशा मिशन, ननकाना साहिब कमेटी, सुखमणि सभा सेवा सोसायटी और भाई मर्दाना यादगारी कीर्तन दरबार संस्थाओं के सहयोग से 1700 श्रद्धालुओं ने आवेदन किया था, जिसमें 1100 के करीब लोगों को पाक असेंबली ने बीजा दिया है।
ये जत्थे 14 अप्रैल को बैसाखी मनाकर 16 अप्रैल को सच्चा सौदा गुरुद्वारा के दर्शनों के लिए जाएगा और अगले दिन ननकाना साहिब गुरुद्वारा करतारपुर साहिब ठहरेगा। उसके अगले गुरुद्वारा एमनाबाद रोड़ी साहिब ,चक्की साहिब ,भाई लालो जी की खूही के दर्शन करके गुरुद्वारा डेरा साहिब लाहौर वापस लौटेगा। 22 अप्रैल को ये जत्था भारत के लिए रवाना होगा। फिरोजपुर जिले से पाकिस्तान के धार्मिक स्थलों के दर्शनों के लिए 250 लोगों ने वीजा अप्लाई किया था, लेकिन मंजूरी 133 की आई है। जा रहे श्रद्धालुओं में हालाकि कापी उत्साह था पर उनका कहना था कि यदि और लोगों को वीजा मिला होता तो ज्यादा अच्छा रहता, क्योंकि बैसाखी पंजाब का प्रमुख त्योहार है और लोगों कीे लंबे समय से पाकिस्तान जाकर गुरु के घर में माथा टेकने की इच्छा रहती है। इस मौके पर अन्य लोगों ने उन्हें शुभकामनाएं दी।