प्राकृतिक संतुलन बिगड़ने का मुख्य कारण नैतिक मूल्यों की कमी: डा एलिजाबेता मेरिनो
गोपीचंद आर्य महिला कालेज के प्रिसिपल डा रेखा सूद हांडा व एमसीएम डीएवी कालेज चंडीगढ़ के प्राचार्या डा निशा भार्गव के मार्गदर्शन में डा आरती कपूर के नेतृत्व में व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डा. एलिजाबेता मेरिनो (एसोसिएट प्रोफेसर आफ इंग्लिश लिटरेचर यूनिवर्सिटी आफ रोम टारवरगेटा) रहे।
संस, अबोहर : गोपीचंद आर्य महिला कालेज के प्रिसिपल डा रेखा सूद हांडा व एमसीएम डीएवी कालेज चंडीगढ़ के प्राचार्या डा निशा भार्गव के मार्गदर्शन में डा आरती कपूर के नेतृत्व में व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डा. एलिजाबेता मेरिनो (एसोसिएट प्रोफेसर आफ इंग्लिश लिटरेचर यूनिवर्सिटी आफ रोम टारवरगेटा) रहे।
रिसोर्स पर्सन डा मेरिनो ने अपने वक्तव्य में साइंस फिक्शन विषय पर मेरी शैली के उपन्यास 'फ्रैंकनस्टीन' के माध्यम से प्रकाश डाला। उन्होंने वर्तमान संदर्भ में साइंस फिक्शन के महत्व ,वैज्ञानिक व मानवतावादी शोध तथा आधुनिक युग में सामाजिक व प्राकृतिक संतुलन बिगड़ने का मुख्य कारण नैतिक मूल्यों की कमी को बताया। इस कार्यक्रम में पीजी व ऑनर्स विभाग के लगभग 160 छात्रों ने उत्साह पूर्वक भाग लिया। विस्तृत व्याख्यान के पश्चात छात्राओं ने अपने मन में उठे प्रश्नों को पूछ अपनी जिज्ञासा को शांत किया। प्रिसिपल डॉ रेखा सूद हांडा ने कार्यक्रम के सफल आयोजन पर कार्यक्रम संयोजक डॉ आरती कपूर वनीना शर्मा सहित कोऑर्डिनेटर उर्वी शर्मा को हार्दिक बधाई दी। डॉ सीमा सोमानी ,अमनदीप कौर , शिवांगी तथा तकनीकी सहायक विशाल प्रजापत के सहयोग से कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।