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नियमों का उल्लंघन कर सड़कों पर बेखौफ दौड़ रहे वाहन

कहावत है दुर्घटना से देर भली। लेकिन आज के समय में कुछ लोग ही इस कहावत पर अमल करते हैं जबकि बाकी लोग यातायात नियमों को ताक पर रखकर सयम बचाने के चक्कर में अपने साथ साथ दूसरों की जिदगियों से खेलने में भी परहेज नही करते। इसके अलावा जुगाड़ू वाहन भी बिना रोक टोक बाजारों में दौड़ रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 28 Nov 2020 06:23 AM (IST)Updated: Sat, 28 Nov 2020 06:23 AM (IST)
नियमों का उल्लंघन कर सड़कों पर बेखौफ दौड़ रहे वाहन
नियमों का उल्लंघन कर सड़कों पर बेखौफ दौड़ रहे वाहन

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मोहित गिल्होत्रा, फाजिल्का : कहावत है दुर्घटना से देर भली। लेकिन आज के समय में कुछ लोग ही इस कहावत पर अमल करते हैं, जबकि बाकी लोग यातायात नियमों को ताक पर रखकर सयम बचाने के चक्कर में अपने साथ साथ दूसरों की जिदगियों से खेलने में भी परहेज नही करते। इसके अलावा जुगाड़ू वाहन भी बिना रोक टोक बाजारों में दौड़ रहे हैं। भले ही ट्रैफिक पुलिस समय समय पर जगह-जगह नाके लगाकर वाहनों के चालान करती है, लेकिन इसके बावजूद लोग यातायात नियमों को कुछ नहीं समझ रहे। जिस कारण हर साल होने वाले सड़क हादसों में 70 प्रतिशत हादसे नियमों के उल्लंघन के कारण होते हैं।

फाजिल्का जिले में पिछले दो सालों में सड़क हादसे 198 जिदगियों को लील चुके हैं, जबकि 149 लोगों घायल हुए हैं। लोग बाजारो में वाहनों को सड़कों पर ही पार्क कर देत हैं, जोकि जाम का कारण बनते हैं। सबसे ज्यादा जाम ईजीडे के निकट, गौशाला रोड और मेहरियां बाजार के निकट लगा। वहीं से सबसे ज्यादा नियमों की उल्लंघना शहर के एकमात्र सिग्नल लाइट चौक पर देखने को मिली। यह ट्रैफिक लाइटें पिछले दो महीनों से खराब हैं, जिनको अभी तक ठीक नहीं किया गया। जिसके चलते लोग एक दूसरे से आगे निकलने के चक्कर में हादसों को दावत दे रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि उक्त चौक के आसपास एक भी पुलिस कर्मी दिखाई नहीं दिया। इसके अलावा मेहरियां बाजार, गौशाला रोड व अन्य बाजारों में जुगाड़ू वाहन व अन्य कंडम वाहन भी भारी सामान लेकर जाते नजर आए, जिस कारण लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ा

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फुटपाथ पर दुकानदारों का कब्जा

वैसे तो फुटपाथ पैदल चलने वालों के लिए होते हैं। लेकिन फाजिल्का में फुटपाथ या तो वाहन खड़े करने के लिए हैं, या फिर दुकानदारों के कब्जे के लिए। फाजिल्का के विभिन्न बाजारों में दुकानदारों द्वारा किए गए कब्जों की भरमार है। जहां से रोजाना पैदल गुजरने वाले लोग अपनी जान हथेली पर लेकर वाहनों से बच बचकर चलने को मजबूर हैं। नगर कौंसिल व ट्रैफिक पुलिस ने भी लंबे समय से कोई अभियान नहीं चलाया।

ट्रैक्टर की लाइट ना होने के चलते हुआ हादसा

बुधवार देर रात्रि गांव पक्का चिश्ती के निकट हुए हादसे में एक ट्रैक्टर-ट्राली चालक की लापरवाही के चलते 15 वर्षीय किशोर अपनी जान गवानी पड़ी। गांव के लोगों ने बताया कि उक्त ट्रैक्टर-ट्राली की एक लाइट खराब थी, जिस कारण उसे सड़क के एक और साइकिल पर जा रहा युवक दिखाई नहीं दिया, जिस कारण यह हादसा हुआ। सेमिमीनार लगाकर किया जा रहा जागरूक

ट्रैफिक इंचार्ज जंगीर सिंह ने कहा कि समय समय पर ट्रैफिक पुलिस की ओर से सेमिनार लगाकार लोगों को ट्रैफिक नियमों के बारे में जागरूक किया जाता है। पिछले साल जहां 700 से अधिक सेमिनार लगाए गए। वहीं इस बार कोरोना महामारी के चलते केवल 250 सेमिनार लगाए जा सके। लेकिन अब कोरोना की हिदायतों का पालन करते हुए सेमिनार लगाने की संख्या बढ़ाई जा रही है। इसके अलावा नियमों का उल्लंघन करने वालों पर भी शिकंजा कसा जा रहा है। अक्टूबर में इनके हुए चालान

हेलमेंट: 75

सेफ्टी बैलट: 34

बिना लाइसेंस: 6

मोबाइल प्रयोग: 1

बिना नंबर: 15

बिना दस्तावेज: 3

तेज रफ्तार: 10

प्रैशर होर्न: 5

बुरा व्यवहार: 1

रेड लाइट जंप: 2

गलत पार्किंग: 56

बिना इंश्योरेंस: 4

बिना आरसी: 7

ट्रीपल राइडिग: 35


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