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तीन स्पेशलिस्ट के तबादले, एक डॉक्टर की तैनाती

भले ही फाजिल्का को जिला बने नौ साल से अधिक हो गए हैं लेकिन सेहत सेवाओं को लेकर समस्याएं आज भी वैसे की वैसी हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 Sep 2020 10:09 PM (IST)Updated: Wed, 16 Sep 2020 10:09 PM (IST)
तीन स्पेशलिस्ट के तबादले, एक डॉक्टर की तैनाती
तीन स्पेशलिस्ट के तबादले, एक डॉक्टर की तैनाती

संवाद सहयोगी, फाजिल्का : भले ही फाजिल्का को जिला बने नौ साल से अधिक हो गए हैं, लेकिन सेहत सेवाओं को लेकर समस्याएं आज भी वैसे की वैसी हैं। हालात यह हैं कि सेहत विभाग के विभिन्न पद खाली हैं, उन पर ज्यादातर स्थायी पद की बजाए एडिशनल चार्ज दिए गए हैं, जिससे रोजाना चेकअप करवाने आने वाले मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं सेहत विभाग की ओर से एक पत्र जारी करके तीन और अधिकारियों की यहां से बदली कर दी गई है, जबकि एक नए अधिकारी की नियुक्ति की गई है।

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सिविल अस्पताल में कुछ दिन पहले ही तैनात हुए चेस्ट व टीबी स्पेशलिस्ट डॉ. नीलू चुघ को मुक्तसर से जिला टीबी अधिकारी फाजिल्का, एनीथिसिया स्पेशलिस्ट डॉ. रूपाली महाजन को सब डिवीजन अस्तपाल जीरा व मेडिकल स्पेशिलिस्ट डॉ. जितेंद्र कोचर को जिला अस्पताल फिरोजपुर में बदल दिया गया है। डॉ. नेहा पाल मेडिसिन को सीएचटी बटाला होशियारपुर में लगाया गया है। हालांकि मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्री के दौरे के दौरान यहां स्पेशलिस्ट डाक्टरों की कमी का मुद्दा उठाया था, लेकिन यहां नए स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की तैनाती तो क्या होनी थी, उल्टे तीन डॉक्टर यहां से बदल दिए गए। जिला अस्पताल में पहले से ही नाक, कान गले, महिला रोग विशेषज्ञ, चमड़ी रोग विशेषज्ञ व पैथोलोजिस्ट के पद रिक्त पड़े हैं। अब इन सारे रिक्त पदों के कारण जरूरतमंद लोगों को महंगा इलाज करवाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। जिला फाजिल्का के लोग किसके पास शिकायत लेकर जाएं, यह उनकी समझ में नहीं आ रहा। क्योंकि स्वास्थ्य मंत्री जो इस जिले को अपना जिला कहते हैं, में ही जिले डाक्टरों की भारी कमी है। ये पद हैं खाली

फाजिल्का में जिला स्वास्थ्य अधिकारी, जिला स्वास्थ्य व परिवार कल्याण अधिकारी, जिला टीकाकरण अधिकारी, डिप्टी मेडिकल कमिशनर तथा जिला एपीडिमोलॉजिस्ट के पद रिक्त पड़े हैं। इसके अलावा सिविल सर्जन कार्यालय में भी कार्यक्रम अधिकारियों के लंबे समय से कमी चल रही है।

अल्ट्रासाउंड मशीन, डायलिसिस यूनिट पड़े बंद

रक्त पदों के चलते करोड़ों की लागत से लगी अल्ट्रासाऊंड स्कैन मशीन व किडनी रागियों के लिए डायलिसिस यूनिट पहले से ही बंद पड़ा है।


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