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दो बजे तक रही चहल-पहल, 2.30 बजे तक सब बाजार हुए सूने

एक तरफ जहां रोजाना कोरोना से मौतों का आंकड़ा और नए मामलों की संख्या बढ़ती जा रही है। दूसरी तरफ बाजारों में खरीदारी करने वाले लोगों की भीड़ कम होने का नाम नहीं ले रही।

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 May 2021 11:53 PM (IST)Updated: Fri, 14 May 2021 11:53 PM (IST)
दो बजे तक रही चहल-पहल, 2.30 बजे तक सब बाजार हुए सूने
दो बजे तक रही चहल-पहल, 2.30 बजे तक सब बाजार हुए सूने

मोहित गिल्होत्रा, फाजिल्का : एक तरफ जहां रोजाना कोरोना से मौतों का आंकड़ा और नए मामलों की संख्या बढ़ती जा रही है। दूसरी तरफ बाजारों में खरीदारी करने वाले लोगों की भीड़ कम होने का नाम नहीं ले रही। इसी सप्ताह जैसा हाल दोपहर 12 बजे तक दुकानें खुलने के समय सोमवार व मंगलवार का था, कुछ वैसा ही शुक्रवार को नजर आया। हालांकि पुलिस ने विभिन्न बाजारों में मास्क ना लगवाने वालों पर शिकंजा कंसते हुए उनके चालान काटे, लेकिन दोपहर दो बजे तक लोगों की भीड़ काफी दिखाई दी। लेकिन दोपहर दो बजे के बाद पुलिस की सख्ती के चलते आधे घंटे के भीतर ही बाजार सूने हो गए।

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पिछले शुक्रवार को जिला प्रशासन ने पहले गैर जरूरी दुकानों के खुलने का समय सुबह छह से 12 बजे तक का कर दिया था। जिस कारण सोमवार व मंगलवार को बाजारों में भारी भीड़ दिखाई दी। इसके चलते दुकानदार भी हैरान थे। लेकिन जिला प्रशासन ने बाजारों में भीड़ कम करने के लिए दुकानें के खुलने का समय बढ़ाया और दोपहर दो बजे तक दुकानें खोलने की अनुमति दी। इसके बाद से बुधवार व वीरवार को सामान्य दिनों की भांति बाजारों में चहल पहल दिखाई दी। लेकिन शुक्रवार को भी बाजारों का आलम पिछले सोमवार की तरह नजर आया। जिस कारण वीकेंड लाकडाउन के चलते शनिवार व रविवार को बाजार बंद रहने का बताया जा रहा है। शुक्रवार को ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के लोग बाजारों में जरूरत का सामान लेने के लिए पहुंचे। लेकिन दोपहर दो बजे के बाद पुलिस ने सख्ती शुरू की तो आधे घंटे के भीतर ही बाजार सूने हो गए। किसानों को नहीं मिल रहे ग्राहक

जिला प्रशासन द्वारा रेहड़ियां लगाने का समय सुबह नौ बजे तक का निर्धारित किया गया है। लेकिन इसके बावजूद रेहड़ी वाले दोपहर दो बजे तक बाजारों में रेहड़ियां लगाकर सामान बेचते हैं। लेकिन इसे बाद पुलिस की सख्ती के चलते या तो उन्हें घर जाना पड़ता है या फिर किसी गली मोहल्ले में सब्जियां बेचनी पड़ती है। जिस कारण किसानों से सब्जियां खरीदने वाले ग्राहक कम होते जा रहे हैं। फाजिल्का की सब्जी मंडी में पहुंचे गांव नुरशाह के किसान जसविद्र ने बताया कि वह टमाटर लेकर पहुंचा था, लेकिन बाजारों में सब्जी बेचने का समय कम मिलने के चलते ग्राहक नहीं मिल रहे, जिस कारण उन्हें परेशान होना पड़ रहा है।


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