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कम नहीं हुआ सेमनाले का बहाव, कई मकानों में आई दरारें

जिले में बारिश हुए भले ही एक सप्ताह पूरा हो गया है

By JagranEdited By: Published: Thu, 16 Sep 2021 10:29 PM (IST)Updated: Thu, 16 Sep 2021 10:29 PM (IST)
कम नहीं हुआ सेमनाले का बहाव, कई मकानों में आई दरारें
कम नहीं हुआ सेमनाले का बहाव, कई मकानों में आई दरारें

मोहित गिल्होत्रा, फाजिल्का : जिले में बारिश हुए भले ही एक सप्ताह पूरा हो गया है, लेकिन अभी तक बारिश का पानी लोगों के घरों व फसलों से नहीं निकल सका है। सबसे ज्यादा बुरे हालात गांव नवां सलेमशाह के हैं, जहां सेमनाले का बहाव अभी भी कम नहीं हुआ, जिसके चलते लोगों की आंखों के सामने लगातार पानी में एक के बाद एक मकान गिरते जा रहे हैं। टेंट में रह रहे लगभग 30 परिवार आंसू बहाने के अलावा कुछ नहीं कर पा रहेस जबकि ड्रेनज विभाग द्वारा लगातार पानी का बहाव कम करने की कोशिशें की जा रही हैं, ताकि सेमनाले की दरार को भरने का कार्य किया जा सके।

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एक सप्ताह पहले शुक्रवार को सुबह बारिश का सिलसिला शुरू हुआ, जोकि अगले दो दिन शनिवार व रविवार को भी चलता रहा। तीन दिन चार से पांच घंटे तक हुई बरसात में जहां फाजिल्का शहर पानी पानी हो गया और कई घरों का नुकसान हुआ। वहीं सबसे ज्यादा मार ग्रामीण क्षेत्रों को पड़ी। कहीं लोगों की फसलें पानी में बह गई तो कहीं लोगों के कच्चे व पक्के मकान ताश के पत्तों की तरह पानी में बहते हुए नजर आए। गांव नवां सलेमशाह में सेमनाले के निकट कच्चे व पक्के मकानों में रह रहे परिवारों ने सोचा भी नहीं था कि उन्हें यह दिन भी देखना पड़ेगा। मौजूदा हालात यह हैं कि कुछ ही पक्के मकान पानी मे द नजर आ रहे हैं, जबकि 10 से 15 कच्चे घर लोगों की आंखों के सामने ही गिर गए। वहीं अब पक्के मकानों को भी दरारें आने लगी हैं, जिससे पक्के मकानों के गिरने का भी डर बना हुआ है।

लोग बोले-दोबारा मकान बनाने के लिए सहयोग दे प्रशासन

टेंट में रातें बिताने को मजबूर जंगीर सिंह, जोगिद्र, छिदर कौर, माया बाई ने कहा कि उनके कच्चे मकान पूरी तरह से पानी में बह चुके हैं और उनका सामान भी पानी में बह गया है। अब बस टेंट में उनके कपड़े व कुछ सामान ही है। समाजसेवियों व नेताओं द्वारा भोजन को लेकर मदद तो पहुंचाई जा रही है। लेकिन पानी के बहाव के कम होने के बाद उनके मकानोको दोबारा से बनाकर देने को लेकर अभी किसी प्रशासनिक अधिकारी ने आश्वासन नहीं दिया है। उनकी यही मांग है कि दुख की इस घड़ी में प्रशासन व सरकार उनके सिर पर छत देकर मसीहा बने।

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लगातार मदद पहुंचा रहे समाजसेवी

फाजिल्का की आढ़तिया एसोसिएशन के प्रधान दविद्र सचदेवा, सचिव मनीष कटारिया, नगर कौंसिल प्रधान सुरिद्र सचदेवा, जिला कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष रंजम कामरा की टीम व अन्य समाजसेवियों द्वारा लगातार गांव में पहुंचकर खाना मुहैया करवाया जा रहा है। कोई सुखा राशन वितरित कर रहा है तो कोई पशुओं के लिए चारे का इंतजाम कर रहा है, जबकि प्रशासनिक अधिकारी भी लगातार गांव में स्थिति का जायजा ले रहे हैं।

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पानी का बहाव कम होने का इंतजार

ड्रेनज विभाग के एसडीओ विवेक ंने कहा कि बारिश के थमने के बाद से ही सेमनाले को पीछे से बंद कर दिया गया है। लेकिन 20 फीट तक पानी आसपास के क्षेत्रों व खेतों में खड़ा है, जिस कारण अभी तक सेमनाले का बहाव कम नहीं हुआ। अगर सेमनाले का लेवल कम हुआ है, तो दरारें भरने का काम किया जाएगा। क्योंकि पानी के तेज बहाव के बीच दरार भरना काफी मुश्किल है।


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