Move to Jagran APP

जानलेवा बनी बेसहारा पशुओं की भरमार

शहर में एक बार फिर से बेसहारा पशुओं की भरमार हो गई है। यूं तो पिछले कई सालों से ही शहर पशुओं से कभी भी मुक्त नहीं हुआ है लेकिन बीच-बीच पशुओं को पकड़ने की चलाई जाती मुहिम के कारण इनकी तादाद कम हो जाती रही है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 23 Sep 2020 06:43 PM (IST)Updated: Thu, 24 Sep 2020 05:12 AM (IST)
जानलेवा बनी बेसहारा पशुओं की भरमार
जानलेवा बनी बेसहारा पशुओं की भरमार

संवाद सहयोगी, अबोहर : शहर में एक बार फिर से बेसहारा पशुओं की भरमार हो गई है। यूं तो पिछले कई सालों से ही शहर पशुओं से कभी भी मुक्त नहीं हुआ है, लेकिन बीच-बीच पशुओं को पकड़ने की चलाई जाती मुहिम के कारण इनकी तादाद कम हो जाती रही है। परंतु अब फिर से वही हाल हो चुका है। शहर की अंदरूनी सड़कों से लेकर तमाम बाहरी सड़कों पर पशुओं के झुंड घूमते रहते हैं। ऐसी कोई सड़क नहीं बची है, जहां पर पशु न हों।

loksabha election banner

सड़कों के बीच में खड़े यह पशु फिर से कभी भी जानलेवा साबित हो सकते हैं। एक अनुमान के अनुसार इस समय दो हजार के करीब पशु सड़कों पर हैं। पशुओं के कारण हुए हादसों में अब तक कई लोगों की जान जा चुकी है, जबकि अनेक लोग जख्मी हो चुके हैं। नगर निगम की ओर से पशुओं को पकड़ने की कोई जरूरत महसूस नहीं की जा रही है, जबकि वे खुद मानते हैं कि इसमें कोई शक नहीं है कि शहर में एक बार फिर से पशुओं की भरमार हो गई है। शहर का ऐसा कोई इलाका नहीं है, जहां पर बेसहारा पशु न घूम रहे हों। बाजारों, मोहल्लों की गलियों से लेकर तमाम सड़कों पर जगह-जगह पशुओं को घूमते या सड़कों के किनारे बैठे देखा जा सकता है। इन पशुओं में अधिकतर संख्या सांडों की है जो आपस में ही भिड़ जाते हैं व कई बार वाहनों व दुकानों का नुकसान कर देते हैं। पिछले सप्ताह ही पशुओं के कारण हुए हादसों में दो लोगों की मौत हो गई।

एक सप्ताह में पशुओं के कारण हुई दो मौतें

हादसा-1

17 सितंबर को गांव खुईखेड़ा में रात करीब आठ बजे प्रकाश चहल व उसका चाचा सोहन लाल मोटरसाइकिल पर सवार होकर अपने घर आ रहे थे, जैसे ही वह गांव खुईखेड़ा के निकट पहुंचे तो अचानक मोटरसाइकिल के आगे एक बेसहारा मवेशी आ गया, जिस कारण दोनों सड़क पर गिरने से जख्मी हो गए। हादसे में उसके पिता प्रकाश चहल को काफी चोटें आई, जिन्हें उपचार के लिए फाजिल्का के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया। लेकिन हालत गंभीर होने के चलते डॉक्टरों ने उसे रेफर कर दिया। परिजन जब उसे श्री गंगानगर ले जा रहा था तो रास्ते में ही प्रकाश चहल ने दम तोड़ दिया था। हादस- 2

19 सितंबर को गांव मौजगढ के निकट पशु की टक्कर से घायल हुए व्यक्ति की इलाज के दौरान रविवार रात मौत हो गई। निहालखेड़ा के रहने वाला 60 वर्षीय तारा चंद पुत्र बालीराम शनिवार को अपने बाइक पर गांव मौजगढ जा रहा था कि गांव के निकट ही एक बेसहारा पशु की टक्कर से बुरी तरह से घायल हो गया। 108 एंबुलेंस में उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां से उसे रेफर कर दिया गया जिस पर परिजन उसे श्रीगंगानगर के अस्पताल में ले गए। रविवार रात उसने दम तोड़ दिया। इससे पहले भी पशुओं के कारण कई लोगों की जान जा चुकी है व कई लोग घायल हो चुके हैं।

धरना व भूख हड़ताल का भी नहीं हुआ असर

विभिन्न संगठनों द्वारा पशुओं की समस्या बाबत आवाज उठाई गई लेकिन समस्या का हल नहीं हो पाया। समाजसेवी रघुवीर सिंह भाखर द्वारा लगातार दो महीने धरना व भूख हड़ताल भी की गई लेकिन आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं हुआ।

--

जगह व हरे चारे की दिक्कत

गोशाला मनैजिग कमेटी के प्रधान फकीर चंद गोयल का कहना है कि गौशाला में सैंकड़ों की गिनती में लावारिस पशु रखे हुए हैं लेकिन जगह व चारे का बंदोबस्त न होने के कारण इससे ज्यादा पशु रखने संभव नहीं है । उच्चाधिकारियों के ध्यान में लाया जाएगा मामला

निगम के सेनेटरी इंस्पेक्टर अश्वनी मिगलानी ने कहा कि यह समस्या काफी पुरानी है व गंभीर है। यह समस्या उच्च अधिकारियों के ध्यान में लाकर जल्द ही समाधान किया जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.