पराली जलाने से रोकेगी 17 अधिकारियों की टीम
किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए जिला प्रशासन ने 17 कलस्टर अधिकारी नियुक्त किए हैं जोकि गांवों में जाकर किसानों को पराली न जलाने के लिए जागरूक करेंगे और पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ कार्रवाई भी करेंगे।
जागरण संवाददाता, फाजिल्का : किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए जिला प्रशासन ने 17 कलस्टर अधिकारी नियुक्त किए हैं, जोकि गांवों में जाकर किसानों को पराली न जलाने के लिए जागरूक करेंगे और पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ कार्रवाई भी करेंगे।
डिप्टी कमिश्नर अरविंदपाल सिंह संधू ने कृषि विभाग के समूह अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ बैठक में बताया कि जिले में 317 गांवों में धान की बिजाई की जाती है। क्लस्टर इंचार्ज यह भी यकीनी बनाएंगे कि कौन से गांव के पास पराली प्रबंधन के लिए कौन सी मशीनरी है, किस व्यक्ति या किस सोसायटी के पास है। उन्होंने कहा कि क्लस्टर इंचार्ज यह सुनिश्चित करें कि जमींदार पराली को आग लगाने के बजाय इसका अलग-अलग ढंगों के साथ निपटारा करें। क्लस्टर इंचार्ज और उनकी टीमें गांवों में किसानों को जागरूक करें कि गांव में पराली प्रबंधन की मशीनें उपलब्ध हैं और मशीनों के द्वारा पराली का निपटारा किया जाए। डीसी ने अधिकारियों को कहा कि पराली स्टोर करने वाली पंचायती जमीनों का भी चयन कर लिया जाए कि कितने एकड़ तक पराली पंचायती जमीन पर रखी जा सकती है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस बीमारी के साथ हम सभी पहले ही जूझ रहे हैं और दूसरा पराली को आग लगाने से वातावरण प्रदूषित होता है तो सांस लेने में तकलीफ होगी जिससे सभी की जान को खतरा हो सकता है।
डीसी ने बीडीओ को हिदायत करते कहा कि गांवों में पंचायतों से पराली न जलाने बारे प्रस्ताव पास करवाए जाएं जोकि पराली को आग लगने से बचाने संबंधी बड़ा प्रयास साबित हो सकता है। इस मौके सहायक कमिश्नर कंवरजीत सिंह, जीओजी हैड अजीत सिंह समाघ, जसपाल सिंह बराड़, मुख्य कृषि अधिकारी सुरिन्दर सिंह, सरवन कुमार, पलविन्दर सिंह के अलावा अन्य अधिकारी मौजूद थे।
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270 गांवों ने पराली न जलाने का प्रस्ताव किया पास
जिला पुलिस प्रमुख हरजीत सिंह ने बताया कि जिले के 270 गांवों ने पंचायत द्वारा प्रस्ताव दिए हैं कि हम पराली को आग नहीं लगाएंगे जो कि एक प्रशंसनीय कदम है। उन्होंने अधिकारियों को कहा कि दूसरे गांवों में लोगों को कानून के दायरो में रहकर जागरूक किया जाए। उन्होंने कहा कि अधिकारी पुलिस विभाग के साथ तालमेल करके गांवों में जाएं जिससे एक पुलिस मुलाजिम उनके साथ जा सके। उन्होंने कहा कि किसी भी पुलिस सहायता के लिए 112 नंबर पर काल की जा सकती है। उन्होंने किसानों से अपील की है कि पराली को आग लगाने की बजाय इस का आधुनिक यंत्रों के द्वारा निपटारा किया जाए।