अध्यापकों ने डीसी दफ्तर के बाहर किया प्रदर्शन
बेरोजगार सांझा अध्यापक मोर्चा की ओर से बुधवार को डीसी कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया गया व मुख्यमंत्री शिक्षा मंत्री व शिक्षा सचिव का पुतला फूंककर नारेबाजी की गई। इस दौरान एक ज्ञापन डीईओ कार्यालय में भी सौंपा गया।
संवाद सूत्र, फाजिल्का : बेरोजगार सांझा अध्यापक मोर्चा की ओर से बुधवार को डीसी कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया गया व मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री व शिक्षा सचिव का पुतला फूंककर नारेबाजी की गई। इस दौरान एक ज्ञापन डीईओ कार्यालय में भी सौंपा गया।
इस मौके मोर्चा के अध्यक्ष अशोक कुमार, सुरिदर कंबोज, परमजीत सिंह, भगवंत भठेजा आदि ने कहा कि पिछले लंबे समय से अध्यापक जायज मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन उनकी मांगों को पूरा करने की बजाए लगातार अध्यापक विरोधी नीतियां अपनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के निजीकरण, केंद्रीकरण व व्यापारीकरण को उत्साहित करने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के रास्ते पर चलते हुए पंजाब के सरकारी स्कूलों में अध्यापकों व नान टीचिग के पदों को लगातार कम करने, आनलाइन शिक्षा को स्कूली शिक्षा के बदले पेश करने और स्कूल को मर्ज करने के नाम पर बंद करने के लिए यह प्रदर्शन किया गया। उन्होंने मांग की कि मौजूदा शिक्षा विरोधी रैशनलाइजेशन नीति के अमल पर रोक लगाई जाए, सांझे अध्यापक मोर्चे की तरफ से साल 2018 के दौरान शिक्षा विभाग को दिए सुझाव को लागू किया जाए, सभी प्राइमरी, मिडल, हाई व सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में सभी काडरों के खाली पड़े पदों को भरा जाए, कैबिनेट सब कमेटी के साथ पांच मार्च 2019 को बनी सहमति अनुसार अध्यापक संघर्ष के दौरान हुए पुलिस केस वापस लिए जाएं, छठे वेतन कमिशन की रिपोर्ट और महंगाई भत्ते के बकाए जारी किए जाए, कच्चे कर्मचारियों को पक्का किया जाए की मांग को पूरा किया जाए। इस मौके निशांत अग्रवाल, मेजर सिंह, मनदीप, मदन सिंह, जगनंदन सिंह, कुलदीप सिंह सबरवाल, गुरनाम सिंह, अमनदीप सिंह, महिद्र कुमार, दपिन्दर सिंह, अशोक कुमार, परमजीत सिंह, अमरदीप कौर, पूजा, फकीर चंद, सहजपाल, बरजिंदर कुमार, रेशम सिंह, विनय कुमार, राविंदर कुमार व अन्य उपस्थित थे।