कृषि विधेयक के विरोध में किया किसानों का समर्थन
ठेका मुलाजिम संघर्ष मोर्चा की बैठक शनिवार को प्रांतीय नेता जगरूप सिंह वरिद्र सिंह मोमी की अध्यक्षता में जलालाबाद में हुई जिसमें कृषि विधेयक के खिलाफ किसानों की ओर से किए जा रहे संघर्ष में भाग लेने का फैसला किया गया। इस मौके वक्ताओं ने कहा कि कोविड-19 की आड़ में पांच जून को खेती क्षेत्र और किसानी से संबंधित तीन आर्डिनेंस जारी किये गए थे। वहीं अब देश की संसद में लोगों द्वारा चुने हुए सांसदों को इन खेती सुधारों पर बिना किसी उचित बहस करने का मौका देकर यह खेती विरोधी आर्डिनैंस पास किए गए हैं।
संवाद सूत्र, जलालाबाद (फाजिल्का) : ठेका मुलाजिम संघर्ष मोर्चा की बैठक शनिवार को प्रांतीय नेता जगरूप सिंह, वरिद्र सिंह मोमी की अध्यक्षता में जलालाबाद में हुई, जिसमें कृषि विधेयक के खिलाफ किसानों की ओर से किए जा रहे संघर्ष में भाग लेने का फैसला किया गया। इस मौके वक्ताओं ने कहा कि कोविड-19 की आड़ में पांच जून को खेती क्षेत्र और किसानी से संबंधित तीन आर्डिनेंस जारी किये गए थे। वहीं अब देश की संसद में लोगों द्वारा चुने हुए सांसदों को इन खेती सुधारों पर बिना किसी उचित बहस करने का मौका देकर यह खेती विरोधी आर्डिनैंस पास किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की तरफ से इन खेती आर्डीनैंसों को जारी करना किसानों के हितों की जगह व्यापारियों, निजी कंपनियों के पक्ष में ज्यादा नजर आ रहा है। केंद्र सरकार के खेती आर्डीनैंस किसानों के साथ साथ मजदूर और मुलाजिम विरोधी हैं। जिनके विरोध में किसानों की ओर से पटियाला में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदर सिंह के महल और गांव बादल में पक्के मोर्चे लगाकर रोष प्रदर्शन किया जा रहा है। वहीं अब इस संघर्ष में ठेका मुलाजिम संघर्ष मोर्चा की ओर से मुलाजिमों की जत्थेबंदियों के वर्कर 20 सितंबर को पटियाला व गांव लंबी में पहुंचेंगे और किसानों का साथ देंगे। बैठक में रेशम सिंह गिल, गुरविंदर सिंह, बलेहार सिंह, शेर सिंह, वरिदर सिंह, सेवक सिंह, गुरप्रीत गुरी, लखवीर कटारिया व अन्य उपस्थित थे।