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खेत में पहचान ली पिता ने बेटे की प्रतिभा, दिनभर खेलने के बाद भी नहीं हुआ था आउट

शुभमन के पिता लखविंदर किसान रहे हैं। पहले वह खुद खेतों में काम करते थे और बेटा वहीं खेलता रहता। एक दिन शुभमन पूरे दिन आउट ही नहीं हुआ।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 14 Jan 2019 12:47 PM (IST)Updated: Mon, 14 Jan 2019 08:50 PM (IST)
खेत में पहचान ली पिता ने बेटे की प्रतिभा, दिनभर खेलने के बाद भी नहीं हुआ था आउट
खेत में पहचान ली पिता ने बेटे की प्रतिभा, दिनभर खेलने के बाद भी नहीं हुआ था आउट

अबोहर [प्रवीण कथूरिया/दीपक पोहिया]। पाकिस्तान सीमा से लगते फाजिल्का के एक साधारण परिवार में जन्मे 19 वर्षीय क्रिकेटर शुभमन गिल के भारतीय क्रिकेट टीम में बतौर बल्लेबाज चयन होने से इलाके में लोहड़ी की खुशी दोगुनी हो गई। अंडर 19 क्रिकेट वर्ल्ड कप में मैन ऑफ द सीरीज रहे गिल का चयन 23 जनवरी से शुरू हो रहे न्यूजीलैंड दौरे के लिए भारतीय टीम में हुआ है। यहां 5 वनडे और 2 टी ट्वेंटी मैच खेले जाने हैं।

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जिले के जेमलवाल गांव में 8 सितंबर 1999 को जन्मे शुभमन के पिता लखविंदर किसान रहे हैं। पहले वह खुद खेतों में काम करते थे और बेटा वहीं खेलता रहता। एक दिन शुभमन पूरे दिन आउट ही नहीं हुआ। बेटे की प्रतिभा को देखते हुए उन्होंने 2007 में मोहाली के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के पास किराये पर घर लेकर रहना शुरू कर दिया, ताकि बेटे को अच्छी ट्रेनिंग दिलवाई जा सके।

कोचिंग सेंटर में बच्चों की ज्यादा संख्या होने के कारण शुभमन को सही ट्रेनिंग नहीं मिल पा रही थी तो पिता ने ये जिम्मा अपने कंधों पर उठाया। कुछ लोग तो पिता को ही शुभमन का पहला कोच बताते हैं। पारिवारिक सदस्यों ने बताया कि शुभमन गिल ने चार साल की उम्र में ही बल्ला उठा लिया था।

बचपन में ही क्रिकेट प्रतिभा को देखते हुए शुभमन के दादा ने खुद लकड़ी के बैट बनाकर दिए, जिसके बाद से शुभमन की प्रतिभा में और निखार आता गया। शुभमन के पिता लखविंदर भी क्रिकेटर बनना चाहते थे, लेकिन खुद का सपना पूरा न होने के कारण उन्होंने बेटे को बड़ा क्रिकेटर बनाने की ठानी और सफलता हासिल की।

शुभमन लाल रुमाल को मानते हैं लक्की

शुभमन जब भी खेलते हैं साथ में लाल रुमाल रखते हैं। इसे वह शुभ मानते हैं। उन्हें कार, बाइक ड्राइविंग अभी तक नहीं आती, लेकिन उनकी धारदार बल्लेबाजी का हर कोई कायल है। अबोहर में उनके फूफा बब्बू संधू के घर भी खुशी का माहौल है। उन्होंने कहा कि शुभमन का परिवार इस समय मोहाली में रहता है। यहां तक पहुंचने के लिए शुभमन ने बहुत मेहनत की है और अब राष्ट्रीय टीम में चयन इलाके के लिए गौरव की बात है। शुभमन को बचपन में कभी खिलौनों से खेलने का शौक नहीं रहा, हमेशा उसने बल्ले को ही अपना खिलौना समझा। 5 साल की उम्र में ही वह शॉट लगाना सीख गया था।

इस वजह से भी रहे चर्चाओं में

शुभमन गिल आइपीएल की कोलकाता नाइट राइडर्स टीम का भी हिस्सा हैं। हाल ही में उन्होंने रणजी ट्रॉफी में पंजाब के लिए बतौर ओपनर खेलते हुए शानदार प्रदर्शन किया है। उन्होंने तमिलनाडू जैसी मजबूत टीम के खिलाफ 268 रन की शानदार पारी खेली थी। उनका औसत 100 के आसपास रहता है। उन्होंने फस्र्ट क्लास क्रिकेट में हाल ही में तेजी से 1000 रन पूरे किए हैं। पिछले आइपीएल में शुभमन ने 203 रन बनाए थे। प्रथम श्रेणी क्रिकेट में उनके नाम एक दोहरा शतक, 3 शतक और 7 अर्ध शतक शामिल है।

यह मेरे लिए सरप्राइजः शुभमन

शुभमन गिल का कहना है कि यह मेरे लिए सरप्राइज था। मैं सोने जा रहा था कि रात को करीब एक बजे मुझे मीडिया से पता चला कि मेरा टीम इंडिया में सलेक्शन हो चुका है।

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