भक्ति भाव से प्रसन्न होते हैं भगवान : शुक्ला
ब्रह्मऋषि मिशन गोशाला में श्रीमद् भागवत कथा की चौथे दिन राजकुमार एवं निर्मला नागोरी ने व्यास पूजन करवाया।
संवाद सहयोगी, अबोहर : ब्रह्मऋषि मिशन गोशाला में श्रीमद् भागवत कथा की चौथे दिन राजकुमार एवं निर्मला नागोरी ने व्यास पूजन करवाया। इस दौरान आचार्य राज बाबू शुक्ला ने बताया की ईश्वर जाति, धर्म, दान नहीं, सिर्फ भाव देखते हैं। ईश्वर केवल भक्त के भाव से प्रसन्न होते हैं। श्रीमद्भागवत कथा सुनने से मनुष्य के कई जन्मों के पाप मिट जाते है। हमें भागवत कथा सुनने के साथ साथ उसकी शिक्षाओं पर भी अमल करना चाहिए।
उन्होंने बताया कि वामन अवतार के रूप में भगवान विष्णु ने राजा बलि को यह शिक्षा दी कि अहंकार से जीवन में कुछ भी हासिल नहीं होता और यह धनसंपदा क्षणभंगुर होती है। इसलिए इस जीवन में परोपकार करो। उन्होंने कहा कि अहंकार, गर्व, घृणा और ईष्र्या से मुक्त होने पर ही मनुष्य को ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है। ईष्र्यालु व्यक्ति अपने जीवन में कभी तरक्की नहीं कर सकता। ऐसे व्यक्तियों को भगवान और प्रकृति से प्रेरणा लेनी चाहिए। जीवन में जब भी भगवत नाम सुनने का अवसर प्राप्त हो, उससे विमुख नहीं होना चाहिए। भागवत महापुराण के समुद्र मंथन के विभिन्न प्रसंगों का वर्णन करते हुए बताया कि जब धरती पर अधर्म बढ़ता है, तब परमात्मा अवतार धारण करके धरती पर धर्म की स्थापना करते हैं। इस अवसर पर स्कूल के विद्यार्थियों द्वारा विभिन्न झांकियां निकाली गई, जिसमें वामन अवतार और कृष्ण जन्म की बहुत ही मनमोहक और सुंदर झांकियां प्रस्तुत की गई। इस दौरान श्री कृष्ण का बाल स्वरूप देखकर सभी भक्तों मंत्रमुग्ध हो गए। कथा में श्री कृष्ण जन्म उत्सव मनाया गया, जिसमें महिलाओं ने कृष्ण जन्म पर नृत्य किया। इस अवसर पर विशेष रूप से पधारी दीदी स्वामी जयेश्वरी और स्वामी सिद्धेश्वरी का भी माल्यार्पण द्वारा स्वागत किया गया। कथा में अबोहर शहर के मेयर विमल ठठई विशेष रूप से पधारे।