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सावन महीने के आखिरी सोमवार को शिव भगतों ने किया जलाभिषेक

सावन महीने के आखिरी सोमवार को मंदिरों में पहुंचकर श्रद्धालुओं ने भगवान भोले नाथ की पूजा की व शिवलिग पर जलाभिषेक किया। इस दौरान श्रद्धालुओं ने भगवान शिव की कथा भी की । पहले जहां मंदिरों में सावन महीने में श्रद्धालुओं की कतारें लगा करती थी उतनी भीड़ मंदिरों में देखने को नहीं मिल रही।

By JagranEdited By: Published: Mon, 03 Aug 2020 03:03 PM (IST)Updated: Mon, 03 Aug 2020 09:51 PM (IST)
सावन महीने के आखिरी सोमवार को शिव भगतों ने किया जलाभिषेक
सावन महीने के आखिरी सोमवार को शिव भगतों ने किया जलाभिषेक

संवाद सहयोगी, अबोहर : सावन महीने के आखिरी सोमवार को मंदिरों में पहुंचकर श्रद्धालुओं ने भगवान भोले नाथ की पूजा की व शिवलिग पर जलाभिषेक किया। इस दौरान श्रद्धालुओं ने भगवान शिव की कथा भी की । पहले जहां मंदिरों में सावन महीने में श्रद्धालुओं की कतारें लगा करती थी उतनी भीड़ मंदिरों में देखने को नहीं मिल रही। मंदिर संचालकों का कहना है कि श्रद्धालु आते तो हैं लेकिन अब एक साथ आने की बजाय दो दो चार चार कर ही आते हैं। मंदिरों में भी कोरोना के बचाव को लेकर सरकार की हिदायतों का सख्ती से पालन किया जा रहा है। देखने में आया कि जहां आने वाले सभी श्रद्धालुओं के हाथों को सैनिटाइज करवाया जाता है तो वहीं कई मंदिरों में तो बिना मास्क के श्रद्धालुओं को प्रवेश भी नहीं करने दिया जाता ।

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मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं का आगमन शुरू हो गया जो 11 बजे तक जारी रहा । पुजारी वीरेंद्र शर्मा ने बताया कि कोरोना वायरस के कारण काफी देर मंदिर बंद रहे जिसके चलते लोगों का रुझान कम हो गया है व लोग घरों में ही पूजा पाठ करने को तरजीह दे रहे हैं ।उन्होंने कहा कि वह भी मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को इस बात की प्रेरणा देते रहते हैं कि वह एक साथ आने की बजाय अलग अलग मंदिर ही आया करें । उन्होंने ने कहा कि सावन महीना भगवान शिव को प्रिय है व इसका खास महत्व है । इस बार सावन महीने में पांच सोमवार आए हैं । इसके अलावा शहर के अन्य मंदिरों में भी श्रद्धालुओं ने मंदिरों में पहुंचकर शिवलिग पर जलाभिषेक किया । गौरतलब है कि सावन महीने में भगवान भोले नाथ की पूजा अर्चना का विशेष महत्व है । उधर, शनि मंदिर में बिना मास्क के श्रद्धालुओं को प्रवेश ही नहीं करने दिया जाता ।अगर कोई श्रद्धालु बिना मास्क पहने पहुंचता है तो उसे पहले मास्क लगाकर आने को कहा जाता है । मंदिर बाबा खेत्रपाल सुजावलपुर धाम पर चौदस मेले में भले ही श्रद्धालुओं को आने की मनाही की गई है लेकिन इसके बावजूद कुछ श्रद्धालुओं वहां पहुंचे।


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