सफाई कर्मियों ने हड़ताल कर सरकार की नीतियों का किया विरोध
केंद्रीय ट्रेड यूनियनों केंद्र सरकार व राज्य सरकारों के कर्मचारियों की फेडरेशन के संयुक्त आह्वान पर सफाई सेवक यूनियन ने भी हड़ताल की व सरकार की नीतियों के विरोध में प्रदर्शन कर जोरदार नारेबाजी की।
संवाद सहयोगी, अबोहर : केंद्रीय ट्रेड यूनियनों, केंद्र सरकार व राज्य सरकारों के कर्मचारियों की फेडरेशन के संयुक्त आह्वान पर सफाई सेवक यूनियन ने भी हड़ताल की व सरकार की नीतियों के विरोध में प्रदर्शन कर जोरदार नारेबाजी की।
इस दौरान यूनियन के पदाधिकारियों ने बताया कि केंद्र सरकार की गलत नीतियों व काले कानूनों के खिलाफ सफाई सेवक यूनियन ने किसानों के समर्थन करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा पंजाब सरकार के मजदूर व मुलाजिम विरोधी फैसलों के खिलाफ व सफाई कर्मचारियों की मांगें मनवाने के लिए 27 नवंबर को कार्यालय के समक्ष गेट रैली करने के बाद बाजारों में काले झंडे लेकर रोष प्रदर्शन किया जाएगा। इस दौरान यूनियन के पदाधिकारी ओम प्रकाश ढिलोढ ने बताया कि उनकी मुख्य मांगों में किरत कानूनों में मजदूर विरोधी संशोधन करके बनाए गए कोड रद किए जाएं। किसान विरोधी काले कानूनों को तुरंत रद किया जाए। कम से कम मेहनताना 21 हजार रुपये प्रति माह किया जाए और संशोधित दरों को सितंबर 2017 से लागू किया जाए। सरकारी विभागों व जनतक क्षेत्र के अधारों में कर्मचारियों की जबरन प्रीमैच्योर रिटायरमेंट संबंधी जारी मजदूर मुलाजिम विरोधी फैसले को वापस लिया जाए। लाकडाउन के समय के सभी मजदूरों को पूरी तनखाह दी जाए, नई पेंशन स्कीम रद की जाए, मनरेगा मजदूरों को साल में 200 दिन काम की गारंटी दी जाए और इसका दायरा शहरों तक बढाया जाए, हर जरूरतमंद व्यक्ति को 10 किलो अनाज बिना शर्त हर माह मुफत दिया जाए, बिजली बिल 2020 वापिस लिया जाए, मोटर व्हीकल 2020 रद किया जाए।