शराब फैक्ट्री के विरोध में धरना 40वें दिन भी जारी
जिले के गांव हीरांवाली में शराब फैक्ट्री के विरोध में चल रहा धरना शुक्रवार को 40वें दिन में प्रवेश कर गया है। पिछले 40 दिनों से शराब फैक्ट्री के विरोध में पंजाब राजस्थान गुजरात व मध्यप्रदेश को जोड़ने वाला नेशनल हाईवे बंद होने के कारण वाहन चालकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
संवाद सूत्र, खुईखेड़ा (फाजिल्का): जिले के गांव हीरांवाली में शराब फैक्ट्री के विरोध में चल रहा धरना शुक्रवार को 40वें दिन में प्रवेश कर गया है। पिछले 40 दिनों से शराब फैक्ट्री के विरोध में पंजाब, राजस्थान, गुजरात व मध्यप्रदेश को जोड़ने वाला नेशनल हाईवे बंद होने के कारण वाहन चालकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
इस मौके किसान अनिल कुमार झींझा, विकास झींझा, अश्वनी कुमार स्वामी, सतपाल शर्मा, हीरांवाली के सरपंच अनिल कुमार, बलराम सुथार, भोभा राम आदि ने बताया कि शुक्रवार को गांव हीरांवाली निवासी दलीप झींझा, हंसराज, प्रिथी राज चौहान, हंसराज कंबोज, नंद राम, ब्रिज लाल, मंजू, मुरूती देवी, पारवती देवी, मंजू व सुदेश भूखहड़ताल पर बैठे। उन्होंने कहा कि शराब फैक्ट्री से जहां भूमि बंजर होगी, भूमिगत पानी दूषित होगा, वहीं शराब के सेवन से युवाओं की जिदगी भी बर्बाद होगी। उन्होंने सरकार व जिला प्रशासन से मांग की कि उक्त शराब फैक्ट्री का निर्माण रद्द किया जाए।
बार एसोसिएशन ने दिया किसानों को समर्थन
संवाद सूत्र, जलालाबाद :संयुक्त किसान मोर्चे के साथ संबंधित पंजाब की 32 किसान जत्थेबंदियों की ओर से भारत बंद के आह्वान को जलालाबाद से भरपूर समर्थन मिला। बंद के आह्वान के चलते बजार में दुकानों के शटर नहीं खुले और बजार सूने नजर आए। उधर किसानों द्वारा माहमूजोईआ टोल प्लाजा व अनाज मंडी के निकट रोष धरने दिए गए व सड़क को दोनों तरफ से पूरी तरह जाम कर दिया गया। किसान नेता गुरविदर सिंह, जोगा सिंह, बलवंत सिंह, सुखदेव सिंह, महिदर सिंह, कृष्ण आदि ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा लाए गए तीनों काले कानून और बिजली संशोधन बिल 2020 रद्द होना चाहिए।
उधर कृषि कानूनों के खिलाफ भारत बंद के आह्वान पर जलालाबाद बार एसोसिएशन ने भी हड़ताल करते हुए बंद का समर्थन किया। एसोसिएशन के अध्यक्ष रोहित दहूजा, महासचिव विशाल सेतिया, उपाध्यक्ष गुरदीप कंबोज, कोषाध्यक्ष अंजू बाला, ज्वाइंट सचिव अमन हांडा व अन्य वकीलों ने कहा कि किसानी संघर्ष का एसोसिएशन द्वारा शुरू से समर्थन किया जाता रहा है।