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सीमावर्ती गांव में प्राइमरी स्कूल को बनाया स्मार्ट

शिक्षा के क्षेत्र में सफलता की बात करें तो प्राइमरी शिक्षा इसकी नींव है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Jan 2022 10:10 AM (IST)Updated: Thu, 20 Jan 2022 10:10 AM (IST)
सीमावर्ती गांव में प्राइमरी स्कूल को बनाया स्मार्ट
सीमावर्ती गांव में प्राइमरी स्कूल को बनाया स्मार्ट

मोहित गिल्होत्रा, फाजिल्का : शिक्षा के क्षेत्र में सफलता की बात करें तो प्राइमरी शिक्षा इसकी नींव है। प्राइमरी बच्चों को पढ़ाई की तरफ आकर्षित करने के लिए गांव दोना नानका का सरकारी प्राइमरी स्कूल प्रेरणास्त्रोत साबित हुआ। भारत-पाक सीमा पर बसे गांव दोना नानका के प्रिसिपल लवजीत सिंह ग्रेवाल की मेहनत व प्रेरणा का ही नतीजा है कि यह जिले का पहला स्मार्ट स्कूल रहा। आज ना केवल यह स्कूल जिले का सबसे अच्छा स्मार्ट स्कूल है, बल्कि बच्चे लगातार स्कूल में पढ़ने की तरफ आकर्षित भी हो रहे हैं। दोना नानका स्कूल से प्रेरित होकर भी अब जिले का हर स्कूल स्मार्ट बन गया है।

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मुख्याध्यापक लवजीत सिंह ग्रेवाल ने जब स्कूल में ज्वाइन किया, तब बच्चों की संख्या काफी कम थी। सरहदी क्षेत्र होने के चलते बच्चों का पढ़ाई की तरफ रुझान भी काफी कम था, लेकिन लवजीत ग्रेवाल ने अपने स्टाफ के साथ मिलकर ठाना कि वह स्कूल को स्मार्ट बनाएंगे, जिसके तहत सरकार, समाजसेवी के साथ-साथ ग्रेवाल व स्टाफ ने इसमें सहयोग डाला और कुछ ही महीनों में स्कूल स्मार्ट बन गया। स्कूल के स्मार्ट बनने के बाद अन्य स्कूल भी इस स्कूल से प्रेरित हुए और सरकार ने इस प्रोजेक्ट के तहत सभी स्कूलों को स्मार्ट बनाना शुरू किया। मौजूदा समय की बात करें तो अब फाजिल्का के लगभग सभी स्कूल स्मार्ट बन चुके हैं और हर स्कूल में पहले से ज्यादा बच्चों की संख्या और आकर्षण बढ़ा है। एसी से लैस हैं स्कूल के सभी कमरे

स्मार्ट बने इस स्कूल की बाहरी दृश्य ही सुंदर नहीं था, बल्कि स्कूल के पूरे कमरे एसी से लैस बनाए गए। अंदर बड़े बड़े प्रोजेक्टर बच्चों के लिए आकर्षण का केंद्र रहे। यही कारण है कि साल 2018 में बच्चों की संख्या 139 थी, जबकि 2021 में बढ़कर 349 हो गई। हर समय जरूरतमंदों की मदद के लिए रहते हैं तैयार

मुख्याध्यापक लवजीत ग्रेवाल व उनके साथी जहां स्कूल को स्मार्ट बनाने व अन्य गतिविधियों पर अपने वेतन में से सहयोग करते रहते हैं। वहीं जरूरतमंद बच्चों की मदद के लिए भी हमेशा तैयार रहते हैं, जो बच्चे स्पो‌र्ट्स में अच्छे हैं, लेकिन उन्हें गाइड की जरूरत है, उनके लिए गाइड का प्रबंध करते हैं, जबकि कोरोना महामारी के मुश्किल समय में आफलाइन ट्यूशन लेने वालों की मदद के लिए भी वह तैयार रहते हैं।

नेशनल व स्टेट स्तर पर हो चुके सम्मानित

शिक्षा के क्षेत्र में लगातार समर्पित सेवाओं के चलते लवजीत सिंह ग्रेवाल एक बार नेशनल स्तर पर और एक बार स्टेट स्तर पर अवार्ड से सम्मानित हो चुके हैं, जबकि 2019 में लवजीत ग्रेवाल का यूथ आईकन से भी सम्मान हुआ। यह सम्मान हेरीटेज फेस्टिवल के दौरान भारत-पाक सीमा पर बसे होने पर पंजाब का पहला सरकारी स्मार्ट स्कूल बनाने का गौरव हासिल करने वाले स्कूल इंचार्ज लवजीत सिंह ग्रेवाल को दिया गया। इस स्कूल के बच्चों ने जहां स्टेट स्तर पर अपनी कला से सबका दिल जीता है, वहीं नेशनल स्तर पर भी कई आवार्ड हासिल किए हैं।


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