जागरूकता के अभाव में कचरे में मास्क फेंक रहे लोग
कोरोना से बचने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को मास्क पहनने का पाठ तो लंबे समय से पढ़ाया जा रहा है लेकिन इस्तेमाल के बाद इसका निस्तारण कैसे करें इस बाबत न तो लोगों को जागरूक किया गया है व न ही लोग इस बारे जागरूक है। अधिकतर लोग पहने हुए मास्क ग्लब्स कूड़े में ही फेंक रहे हैं यहीं कूड़ा घरों से नगर निगम कर्मी टिप्परों में उठाकर ले जाते हैं।
संवाद सहयोगी, फाजिल्का: कोरोना से बचने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को मास्क पहनने का पाठ तो लंबे समय से पढ़ाया जा रहा है लेकिन इस्तेमाल के बाद इसका निस्तारण कैसे करें इस बाबत न तो लोगों को जागरूक किया गया है व न ही लोग इस बारे जागरूक है। अधिकतर लोग पहने हुए मास्क, ग्लब्स कूड़े में ही फेंक रहे हैं यहीं कूड़ा घरों से नगर निगम कर्मी टिप्परों में उठाकर ले जाते हैं। सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों की बात करें तो वहां से तो मेडिकल वेस्ट अलग कंपनियों द्वारा उठाया जाता है लेकिन घरों में से यह मास्क,ग्लब्स समेत अन्य मेडिकल वेस्ट कूड़े के साथ ही फेंकी जाती हैं वह सब नगर निगम कर्मी उठा कर ले जाते हैं जो डंप में फेंकते है व वहां से पूरा कूड़ा मेन कूड़ा डंप में फेंका जाता है।
उधर इस बाबत सेनेटरी इंस्पेक्टर करतार सिंह ने बताया कि वैसे तो वह घर घर जाकर लोगों जागरूक कर रहे हैं कि वह मास्क व ग्लब्स को कूड़े में न फेंके बल्कि उसे अलग लिफाफे में डाल कर रखें। उन्होंने बताया कि इसके लिए प्रत्येक टिप्पर के पीछे अलग से एक थैला लटकाया हुआ है व लोगों से कहते हैं वह इस थैले में मास्क व ग्लब्स डालें, जिसे वह कूड़ा डंप पर जाकर अलग से जला देते हैं। उन्होंने बताया कि जिस घर में कोई मरीज पाजिटिव है व उसकी मेडिकल वेस्टेज या कूड़ा वगैरह को अलग ही घर की छत पर रखने की हिदायत दी गई है व मरीज के ठीक होने के बाद ही उस घर से वह कूड़ा उठाने पूरी सावधानी बरतते हुए उठाया जाता है। उन्होंने बताया कि इसके लिए उन्हें कुछ परेशानी अवश्य आ रही है वास्तव में यह कूडा मेडिकल वेस्टेज उठाने वाली कंपनी को ही उठाना चाहिए। उन्होंने बताया कि लोगों को जागरूक करने के लिए वह 10 मोटीवेटर रख रहे हैं जो लोगों को इस बाबत घर घर जाकर जागरूक करेंगे ताकि इस समस्या का हल हो व सफाई कर्मी व लोग सुरक्षित रहे।
अंतिम संस्कार के बाद जला दिए जाते हैं पीपीइ किट व ग्लब्स
कोरोना मृतकों का अंतिम संस्कार पीपी किट व ग्लब्स पहन कर किया जाता है व यह पीपी किट व ग्लब्स स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपलब्ध करवाई जाती है। यह कहना हेल्थ इंस्पेक्टर जगदीश कुमार व टहल सिंह का। उन्होंने बताया कि अंतिम संस्कार के बाद इन सब को उसी समय वहां पर अलग से जला दिया जाता है ताकि इससे किसी तरह का संक्रमण फैलने की गुजाइंश न रहे। इसके अलावा अगर इस दौरान किसी अन्य सामान का इस्तेमाल किया जाता है तो बचे हुए सामान को जला दिया जाता है व इसके बाद सभी को अच्छी तरह से सैनिटाइज भी करवाया जाता है। नर सेवा समिति के प्रधान राजू चराया ने बताया कि कोरोना संक्रमितों का अंतिम संस्कार पूरी सतर्कता व सावधानी बरतते हुए करवाया जाता है व इस बाबत मृतक के परिवारिक सदस्यों को पहले ही समझा दिया जाता है। उन्होंने बताया कि इस मौके पर स्वास्थ्य विभाग की टीम भी मौजूद रहती है ताकि कोई दिक्कत पेश न हो।