ओपीडी रही बंद, डाक्टरों ने भी नहीं की जांच
सेहत व पैरा मेडिकल यूनियन सिविल अस्पताल फाजिल्का व मेडिकल लैबोरेटरी टेक्निकल यूनियन जिला फाजिल्का की ओर से छह वेतन आयोग की रिपोर्ट के खिलाफ संघर्ष में शामिल होकर सिविल अस्पताल व समूह विभागों के कर्मचारियों द्वारा सरकारी अस्पताल की ओपीडी के गेट के समक्ष दिया गय
संवाद सूत्र, फाजिल्का : सेहत व पैरा मेडिकल यूनियन सिविल अस्पताल फाजिल्का व मेडिकल लैबोरेटरी टेक्निकल यूनियन जिला फाजिल्का की ओर से छह वेतन आयोग की रिपोर्ट के खिलाफ संघर्ष में शामिल होकर सिविल अस्पताल व समूह विभागों के कर्मचारियों द्वारा सरकारी अस्पताल की ओपीडी के गेट के समक्ष दिया गया, जिस कारण ओपीडी बंद रही और डाक्टरों ने भी मरीजों की जांच नहीं की।
इस दौरान धरने पर बैठे कर्मचारियों ने कहा कि कोरोना काल के चलते हुए इनके द्वारा अपने व अपने परिवार की जान जोखिम में डाली गई, लेकिन अभी तक उनको रेगुलर करने संबंधी कोई प्रयास नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले राज्य सरकार की ओर से कर्मचारियों को रेगुलर करने के लिए ब्रह्महिद्रा की अगुवाई में एक कमेटी का गठन किया गया था, जिसके चलते जो रिपोर्ट तैयार हुई थी वह इन कर्मचारियों के हित में नही है। अगर वह रिपोर्ट लागू होती है, तो जो कर्मचारी पिछले लंबे समय से पक्के होने के चलते अपनी सेवाएं दे रहे हैं, का भविष्य उज्ज्वल नही होगा। इस दौरान कर्मचारियों के अलावा डाक्टरों ने भी इस रोष प्रदर्शन का समर्थन किया।
सरकारी अस्पातल में वीरवार सुबह 10 बजे लाठी के सहारे पहुंचे गांव घुर्कां निवासी मिल्खा सिंह ने बताया कि रक्त की जांच करवाने संबंधी बुधवार को आया था, लेकिन तब समय ज्यादा होने के कारण उसे वीरवार आने के लिए कहा, जब वह वीरवार को लाठी का सहारा लेते हुए यहां पहुंचा तो आगे कर्मचारी रोष प्रदर्शन कर रहे थे, जिस कारण अब उसे फिर दोबारा आने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।