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अब किन्नू का मिलेगा निर्धारित दाम, किसानों व बागवानों का धरना समाप्त

किन्नू के कम भाव को लेकर बागवानों व किसानों की ओर से रविवार से शुरू किया गया संघर्ष बुधवार को मार्केट कमेटी के सचिव सुलोध बिश्नोई के प्रयास से व्यापारियों आढ़तियों बागवानों व किसानों के बीच हुए समझौते के बाद समाप्त हो गया ।

By JagranEdited By: Published: Wed, 25 Nov 2020 04:21 PM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2020 10:15 PM (IST)
अब किन्नू का मिलेगा निर्धारित दाम, किसानों व बागवानों का  धरना समाप्त
अब किन्नू का मिलेगा निर्धारित दाम, किसानों व बागवानों का धरना समाप्त

संवाद सहयोगी, अबोहर : किन्नू के कम भाव को लेकर बागवानों व किसानों की ओर से रविवार से शुरू किया गया संघर्ष बुधवार को मार्केट कमेटी के सचिव सुलोध बिश्नोई के प्रयास से व्यापारियों, आढ़तियों, बागवानों व किसानों के बीच हुए समझौते के बाद समाप्त हो गया ।

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बैठक में सभी पक्षों की सहमति से किन्नू के भाव ग्रेड के मुताबिक तय किए गए जो 10 दिसंबर लागू रहेंगे। जिसके बाद किसानों ने अपना धरना समाप्त कर दिया। बैठक में सर्वसम्मति से फिक्स किए गए किन्नू के दामों में ए ग्रेड किन्नू का न्यून्तम मूल्य 14 से 15 रुपये प्रति किलो, बी ग्रेड दड़ा का रेट 10 से 13 रुपये तथा मीडियम किन्नू का रेट 8 से 9 रुपये प्रति किलो तय किया गया। इन रेटों पर किसान नेताओं ने सहमति जताते हुए अपना रोष धरना समाप्त कर दिया। भारतीय किसान यूनियन एकता सिद्धूपूर के उपप्रधान सुखविदर सिंह ढिल्लो ने बताया कि यह उनके संघर्ष की जीत है। अब किन्नू का दाम किसानों को दुगना मिलेगा जबकि पहले यह किन्नू 4 से 5 रुपये किलो खरीद कर किसानों व बागवानों का आर्थिक शोषण किया जा रहा था । उन्होंने बताया कि आढ़ती व व्यापारी आपस में पूल बनाकर किन्नू की खरीद कम दाम पर करते थे, जिससे उनके लिए यह बागवानी का काम घाटे का सौदा बनता जा रहा था।

अबोहर की किन्नू मंडी में कम भाव मिलने से रोषित बागवानों व किसानों ने भारतीय किसान यूनियन एकता सिद्धूपूर के नेतृत्व रविवार से किन्नू मंडी को बंद कर धरना शुरू किया था जो दो दिन तक किन्नू मंडी में जारी रहा। यहां अधिकारियों द्वारा उनकी बात न सुनने के रोषित किसानों ने मंगलवार को फाजिल्का रोड पर ओवरब्रिज पर जाम लगा दिया था जो बुधवार सुबह तक जारी रहा । इस दौरान मार्केट कमेटी के सचिव सुलोध बिश्नोई ने व्यापारियों, आढ़तियों व किसानों के प्रतिनिधियों से बैठक करवाई जिसके बाद समझौता होने पर धरना समाप्त कर दिया गया।


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