फाजिल्का जिले में नहीं बनी कभी कोई महिला विधायक
भले ही आज महिलाओं की भागेदारी हर क्षेत्र में है। यहां तक की राजनीति में भी महिलाओं की एंट्री काफी समय से है और वह विभिन्न क्षेत्रों से विधायक बनकर लोगों की सेवा में भी जुटी हुई हैं लेकिन आजादी के 75 वर्ष बाद भी फाजिल्का जिले की चारों विधानसभा सीटों से एक बार भी महिला विधायक नहीं बनी।
मोहित गिल्होत्रा, फाजिल्का : भले ही आज महिलाओं की भागेदारी हर क्षेत्र में है। यहां तक की राजनीति में भी महिलाओं की एंट्री काफी समय से है और वह विभिन्न क्षेत्रों से विधायक बनकर लोगों की सेवा में भी जुटी हुई हैं, लेकिन आजादी के 75 वर्ष बाद भी फाजिल्का जिले की चारों विधानसभा सीटों से एक बार भी महिला विधायक नहीं बनी। यहां 1972 से विधानसभा चुनावों का सिलसिला चला है। हालांकि इसके पीछे एक बड़ा कारण महिलाओं को बड़ी पार्टियों द्वारा कम दिया गया चुनावी टिकट है। लेकिन आजाद उम्मीदवार के रूप में कई महिला उम्मीदवार दिग्गज नेताओं के लिए मुश्किल खड़ी कर चुकी हैं।
फाजिल्का जिले के अब तक के इतिहास को देखा जाए तो चारों विधानसभा सीटों फाजिल्का, जलालाबाद, अबोहर व बल्लूआना से 22 बार कांग्रेस, सात बार भाजपा, सात बार शिअद व दो बार सीपीआइ ने जीत का परचम लहराया, लेकिन इनमें से किसी भी पार्टी की विधायक महिला नहीं बन सकी। फाजिल्का के इतिहास की बात करें तो यहां से साल 2017 में तीन महिलाएं आजाद उम्मीदवार, 2012 में एक महिला आजाद उम्मीदवार, 1997 में कांग्रेस महिला उम्मीदवार, 1992 में कांग्रेस महिला उम्मीदवार, 1985 में कांग्रेस महिला उम्मीदवार के रूप में किस्मत आजमा चुकी हैं, जबकि अबोहर से 2012 में एक भाजपा महिला उम्मीदवार व एक आजाद महिला उम्मीदवार, 2007 में एक महिला आजाद उम्मीदवार, 2002 में बसपा से महिला उम्मीदवार व एक आजाद उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा। वहीं बल्लूआना क्षेत्र से 2007 में महिला आजाद उम्मीदवार, 2002 में बसपा महिला उम्मीदवार, 1997 में बसपा महिला उम्मीदवार व आजाद महिला उम्मीदवार, 1992 में आजाद महिला उम्मीदवार, 1977 में आजाद महिला उम्मीदवार ने चुनाव लड़ा। जलालाबाद से भी 1977 से लेकर 2017 तक हुए चुनाव में विजेता व रनर अप में महिला उम्मीदवार का नाम नहीं रहा। इन सभी ने चुनाव में बड़े नेताओं के समक्ष परेशानी तो खड़ी की, लेकिन विजेता नहीं रह सकी। इस बार बल्लुआना से कांग्रेस ने उतारी महिला उम्मीदवार
मौजूदा चुनावों की बात करें तो इस बार अब तक बल्लूआना से एक महिला उम्मीदवार के नाम की घोषणा हुई है, जबकि अभी बड़ी पार्टियों ने अन्य सीटों से किसी महिला उम्मीदवार को चुनाव में नहीं उतारा। लेकिन आजाद उम्मीदवार के रूप में महिलाएं इस बार फिर से दिग्गजों के लिए चुनौती खड़ी कर सकती हैं।