Move to Jagran APP

मंच व नुक्कड़ नाटक के जरिए संस्कृति को बचाने में जुटा नटरंग

आज समय जैसे जैसे आगे बढ़ रहा है। वैसे वैसे ही लोग अपनी पुरानी संस्कृति और सभ्यता भूलते जा रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Jan 2022 11:18 PM (IST)Updated: Mon, 24 Jan 2022 11:18 PM (IST)
मंच व नुक्कड़ नाटक के जरिए संस्कृति को बचाने में जुटा नटरंग
मंच व नुक्कड़ नाटक के जरिए संस्कृति को बचाने में जुटा नटरंग

मोहित गिल्होत्रा, फाजिल्का : आज समय जैसे जैसे आगे बढ़ रहा है। वैसे वैसे ही लोग अपनी पुरानी संस्कृति और सभ्यता भूलते जा रहे हैं। पंजाब जिसे हमेशा ही विरासत के रूप में देखा जाता है, उसमें भी अब चंद लोग ही रह गए हैं, जिन्होंने अभी भी पुरानी संस्कृति व विरासत को संभाल कर रखा हुआ है। लगातार लुप्त हो रही संस्कृति को बचाने के लिए अबोहर की एक संस्था नटरंग अबोहर के कलाकार लगातार अपने स्तर पर प्रयास करके लोगों को संस्कृति को बचाने के बारे में जागरूक कर रहे हैं। उनके द्वारा अब तक कई नुक्कड़ नाटक व स्टेज कार्यक्रम के जरिए लोगों को इस बारे में जागरूक किया जा चुका है।

loksabha election banner

साल 2004 में जब यह संस्था शुरू हुई

साल 2004 में जब यह संस्था शुरू हुई, तब संस्था के साथ जुड़े कलाकारों ने अपनी काबलियत से लोगों को नशे व अन्य बुरी कुरीतियों के बारे में नुक्कड़ नाटक खेलकर जागरूक किया। जबकि इसके बाद धीरे धीरे करके अन्य नाटक भी खेले जाने लगे। जिसमें संस्कृति को बचाने के लिए खेला गया नुक्कड़ नाटक भी शामिल है। संस्था के चेयरमैन भूपिद्र ने बताया कि आज के समय में मोबाइल हर किसी के हाथ में होने के चलते लोग पुरानी सभ्यता व संस्कृति को भूलते जा रहे हैं। समय के साथ ही आधुनिक होना भी जरूरी है, लेकिन संस्कृति पर ध्यान ना देने के चलते यह धीरे धीरे लुप्त हो रही है। उन्होंने बताया कि संस्था द्वारा लगातार नुक्कड़ नाटक व स्टेज प्रोग्राम पर लोगों को संस्कृति को बचाने बारे जागरूक किया जा रहा है।

गुमशुदा पंजाब नाम से नाटक पेश किया

उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी के चलते वह पिछले दो सालों से बड़ा आयोजन नहीं कर सके। लेकिन इससे पहले उन्होंने संस्कृति पर ही गुमशुदा पंजाब नाम से नाटक पेश किया, जिससे लोग काफी प्रभावित हुए थे। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में भी कलाकार बरनाला में आयोजित होने वाले मुकाबले के लिए तैयारी कर रहे हैं। जिसमें एक कामेडी और एक संस्कृति से संबंधित नाटक पेश किया जाएगा। जिसके बाद इस नाटक को जिले में भी लाकर लोगों को संस्कृति बारे जागरूक किया जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.