मनरेगा कर्मियों ने निकाला रोष मार्च
मनरेगा कर्मचारियों ने मंगलवार को मांगों को लेकर शहर में रोष मार्च निकाल प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया।
संस, अबोहर : मनरेगा कर्मचारियों ने मंगलवार को मांगों को लेकर शहर में रोष मार्च निकाल प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया। सीतो रोड पर स्थित बीडीपीओ दफ्तर में एकत्र हुए कर्मियों ने मलोट चौक, बस स्टैंड से जैन नगरी रोड के रास्ते होते हुए रोष मार्च निकाल सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
इस मौके पर पंजाब प्रधान मनरेगा कर्मचारी यूनियन वरिदर सिंह ने बताया कि 26 दिन से मांगों को लेकर संघर्ष किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 10 प्रतिशत हर साल इक्रीमेंट लगता है, जो कि 2017-18 से बंद कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि इस साल भी यह इंक्रीमेंट नहीं दिया गया। यूनियन की ओर से यह बढ़ोतरी हासिल करने के लिए लगातार संघर्ष किया जा रहा है। इसके अलावा उनकी मांग है कि कर्मी छिदरपाल की ड्यूटी के दौरान मौत हो गई थी, उसकी पत्नी को नौकरी देने दी जाए। लेकिन जिला प्रशासन की ओर सरे टालमटोल की नीति अपनाई जा रही है। उन्होंने बताया कि उनके दो साथी कर्मियों को नौकरी से निकाल दिया गया था उनको बहाल करने की मांग कर रहे हैं।
जिला प्रधान सन्नी कुमार व प्रांतीय महासचिव ने बताया कि वह कर्मचारी विरोधी नीतियों के बारे जिला प्रशासन को जवाब भेज चुके हैं लेकिन उनके संघर्ष को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दीवाली के त्यौहार पर वर्करों को तोहफे दिए जाते हैं, तरक्कियां दीं जातीं हैं परंतु यहां के डीसी ने वर्करों को नौकरी से निकालने का फरमान जारी किया हुआ है। पंजाब प्रधान ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गई तो पूरे राज्य में विकास कार्य ठप कर फाजिल्का में पक्का मोर्चा लगा दिया जाएगा। इसके अलावा फाजिल्का के कांग्रेसी नेताओं का घेराव किया जाएगा जिसकी जिम्मेवारी जिला प्रशासन की ही होगी। इस रोष मार्च में ब्लाक अबोहर, ब्लाक फाजिल्का, ब्लाक खूइयां सरोवर, ब्लाक अरनीवाला, ब्लाक जलालाबाद की ग्राम पंचायतों और लेबर उपस्थित थी। भारतीय किसान यूनियन एकता उग्राहा ने भी मनरेगा कर्मियों के संघर्ष को समर्थन दिया।