Jalalabad By Election Result 2019: 12 साल बाद शिअद का किला भेदने में कामयाब हुई कांग्रेस
शिअद का किला माने जाने वाले हलका जलालाबाद को आखिरकार कांग्रेस 12 साल बाद भेदने में कामयाब हो ही गई।
जलालाबाद [मोहित गिल्होत्रा/रवि वाट्स]। शिअद का किला माने जाने वाले हलका जलालाबाद को आखिरकार कांग्रेस 12 साल बाद भेदने में कामयाब हो ही गई। कांग्रेस के उम्मीदवार रमिंदर आवला ने भाजपा व शिअद के सांझे उम्मीदवार डॉ. राज सिंह डिब्बीपुर को 16633 वोटों के बड़े अंतर के साथ हराया है। इसके अलावा आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार महिंद्र कचूरा केवल 11301 वोट ही हासिल कर पाए हैं।
बता दें, शिअद का जलालाबाद सीट पर 2007 से कब्जा चला आ रहा है। 2007 में हुए चुनाव में यहां से शिअद उम्मीदवार शेर सिंह घुबाया विजयी हुए थे, लेकिन साल 2009 में फिरोजपुर सांसद के लिए चुनाव लड़ने के चलते उन्होंने विधायक का पद छोड़ना पड़ा। इसके बाद सुखबीर सिंह बादल यहां से चुनाव लड़े और जीते। 2007 से चला आ रहा शिअद की जीत का सिलसिला 2017 तक जारी रहा, लेकिन साल 2019 में सुखबीर सिंह बादल ने भी यहां से विधायक पद छोड़ दिया और सांसद पद के लिए चुनाव लड़ा और जीत हासिल की।
जलालाबाद सीट खाली होने के चलते यहां अब उपचुनाव करवाए गए। जिसमें कांग्रेस ने रमिंदर आवला को शिअद का किला भेदने के लिए अपना उम्मीदवार भेजा और रमिंदर आवला पार्टी की उम्मीदों पर खरा भी उतरे। कांग्रेस जलालाबाद हलके को इसलिए जीतना चाहती थी कि क्योंकि सुखबीर सिंह बादल ने स्पष्ट कहा था कि 2020 के चुनाव में वह यहां से ही लड़ेंगे। ऐसे में कांग्रेस इस हलके को उपचुनाव में जीतने की चाह रखती थी, जो रमिंदर आवला की जीत के बाद पूरा हो गया।
राय सिख बिरादरी बटी दो हिस्सों में
जलालाबाद हलके में सबसे ज्यादा वोट बैंक राय सिख बिरादरी का था, लेकिन बात अगर इस संपन्न हुए चुनाव की करें तो राय सिख बिरादरी दो भागों में बंंटी हुई नजर आई। कांग्रेस उम्मीदवार रमिंदर आवला के शहरी क्षेत्र में बढ़त बनाने के बाद यह कयास लगाए जा रहे थे कि बार्डर एरिया में राय सिख बिरादरी के वोट खुलते ही कुछ भी हो सकता है, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। बल्कि अंत तक रमिंदर आवला ने शिअद उम्मीदवार से बढ़त बनाए रखी और अंत में वह 16633 वोटों से विजयी हुए।
हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें