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सावान के आखिरी सोमवार को मंदिरों में उमड़े श्रद्धालु

सावन के आखिरी सोमवार को श्रद्धालुओं ने शिवलिग पर जलाभिषेक कर मंगल कामना की।

By JagranEdited By: Published: Mon, 16 Aug 2021 10:20 PM (IST)Updated: Mon, 16 Aug 2021 10:20 PM (IST)
सावान के आखिरी सोमवार को मंदिरों में उमड़े श्रद्धालु
सावान के आखिरी सोमवार को मंदिरों में उमड़े श्रद्धालु

संवाद सहयोगी, अबोहर : सावन के आखिरी सोमवार को श्रद्धालुओं ने शिवलिग पर जलाभिषेक कर मंगल कामना की। इस दौरान मंदिरों में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। शिवशंकर को खुश करने के लिए श्रद्धालुओं ने शिवलिग पर दूध, जल, गंगाजल, धतूरा,आक, दही, बिलपत्र, गन्ने का रस, फल व फूल आदि चढ़ाकर जलाभिषेक किया। पंडित संजय शर्मा ने बताया कि भगवान शिव को अति प्रिय सावन के सोमवार के दिन व्रत रखने से दोहरा फल प्राप्त होता है।

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हिदू धर्म ग्रंथों के अनुसार सावन के सोमवार के दिन व्रत रखने वाले श्रद्धालुओं को 16 व्रत रखने के समान पुण्य फल की प्राप्ति होती है। इसी कारण ज्ञानी शिव भक्त सावन के महीने में आने वाले सभी सोमवार को श्रद्धापूर्वक व्रत रखते हैं। इस बार सावन महीने में चार सोमवार हैं। व्रत रखने से पहले पूजा-अर्चना करने की विधि और व्रत संपन्न होने पर अध्यापन करने के बारे में भी अच्छी तरह से जानकारी प्राप्त करनी जरूरी है।संजय शर्मा बताते हैं कि पौराणिक कथा के मुताबिक इस माह में भगवान शिव की कृपा बरसती है। आस्था के मुताबिक देवी सती ने जब अपने पिता दक्ष के घर योग शक्ति से शरीर का त्याग किया था तो हर जन्म में पति के रूप में महादेव को पाने का प्रण लिया था। दूसरे जन्म में देवी सती ने हिमालय राज के घर जन्म लेने के बाद भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए श्रावण महीने में निराहार कठोर व्रत किया था। इसके बाद उन्होंने भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त किया। तब से लेकर भगवान शिव को यह माह अति प्रिय है।


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