कृषि अध्यादेश के विरोध हाईवे किया जाम
केंद्र सरकार की ओर से कृषि संबंधी तीन अध्यादेशों के खिलाफ मंगलवार को फाजिल्का में भारतीय किसान यूनियन एकता लक्खोवाला भारतीय किसान यूनियन एकता सिद्धूपुर व भाकियू कादियां की ओर से आढि़तया एसोसिएशन व मुनीम यूनियन के साथ फाजिल्का-फिरोजपुर हाईवे पर जाम लगाकर रोष प्रदर्शन किया गया।
जागरण संवाददाता, फाजिल्का:
केंद्र सरकार की ओर से कृषि संबंधी तीन अध्यादेशों के खिलाफ मंगलवार को फाजिल्का में भारतीय किसान यूनियन एकता लक्खोवाला, भारतीय किसान यूनियन एकता सिद्धूपुर व भाकियू कादियां की ओर से आढि़तया एसोसिएशन व मुनीम यूनियन के साथ फाजिल्का-फिरोजपुर हाईवे पर जाम लगाकर रोष प्रदर्शन किया गया। इस दौरान भारी संख्या में किसान गांव रामपुरा के पुल के निकट एकत्रित हुए और करीब दो घंटे तक रास्ते को जाम करके नारेबाजी की।
भाकियू सिद्धूपुर के जिला प्रधान प्रगट सिंह, भाकियू लक्खोवाल के प्रधान गुरभेज सिंह, उदय सिंह घुड़ियाना आदि ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने जो खेती के साथ सबंधित तीन अध्यादेश जारी किए हैं, वह किसानों को आत्महत्या के लिए मजबूर करने वाले हैं। उन्होंने पंजाब सरकार से अपील की कि समूह जिले में विशेष गिरदावरी करके किसानों को पूरा मुआवजा समय पर दिया जाए ताकि गेहूं के समय बिजाई हो सके। वहीं आढ़तिया एसोसिएशन के प्रधान ओम प्रकाश सेतिया ने कहा कि इस कानून से किसान व आढती का नाखून मांस का रिश्ता खत्म होगा। पंजाब के 45000 आढती उनसे जुड़े मुनीम मजदूरों का रोजगार प्रभावित होगा। मंडियों पर प्राइवेट कंपनियों का एकाधिकार होगा, जिससे किसानों को समर्थन मूल्य नहीं मिलने से उनका आर्थिक शोषण होगा। कानून में लाए गए प्रस्ताव के तहत मंडियों से बाहर बिकने वाली फसल पर कोई भी फीस नहीं लगेगी, जिससे मंडियों में लगने वाली मार्केट फीस रूरल डवलपमेंट फंड प्रभावित होगा और राज्य सरकारों को भी आमदन का भारी नुकसान होगा। केंद्र सरकार द्वारा किसानों व आढतियों का पक्ष सुने बिना ये नादरशाही फरमान लागू करने जा रही है। उन्होंने मांग की कि कोरोना की आड़ में कृषि संबंधी तीन अध्यादेश रद किए जाएं। इसके अलावा बिजली संशोधन बिल 2020 वपिस लिया जाए और डाक्टर स्वामीनाथन कमीशन की रिपोर्ट लागू की जाए। इस मौके बूटा सिंह, रविदर कुमार, मनप्रीत संधू, निशान सिंह, यादविदर सिंह, सिगार सिंह, कुलदीप सिंह, जोगिदर सिंह के अलावा अन्य यूनियन के सदस्य मौजूद थे। नहीं लगा ज्यादा जाम
भले ही किसानों ने गांव रामपुरा के पुल पर धरना देकर पूरी सड़क को ही बंद कर दिया और 500 से अधिक किसान मौजूद रहे। लेकिन धरने को लेकर पुलिस पहले से ही तैयार थी। पुलिस ने लोगों को जाम में फंसने से बचाने के लिए उन्हें शाह पैलेस के निकट ही एक अन्य मार्ग के जरिए भेजा। वहीं अबोहर की तरफ से भी उसी रास्ते के जरिए उन्हें फाजिल्का में भेजा गया। हालांकि कुछ वाहनों की कतारें वहां लगी रही, लेकिन ज्यादा जाम नहीं हुआ।