Pulwama Terror Attack: महाशिवरात्रि पर पाकिस्तान नहीं जाएगा श्रद्धालुओं का जत्था
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ कैंप पर आतंकी हमले को लेकर देशभर में गुस्सा है। इस बार महाशिवरात्रि पर भारतीय जत्था पाक नहीं जाएगा।
जेएनएन, अबोहर (फाजिल्का)। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा (Pulwama Terror Attack) में सीआरपीएफ कैंप (CRPF Camp) पर आतंकी हमले को लेकर देशभर में गुस्सा है। महाशिवरात्रि पर्व पर हर साल पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित श्री कटासराज धाम के दर्शनों के लिए 200 भारतीय श्रद्धालुओं का जत्था जाता है। आतंकी हमले के कारण श्री रामायण प्रचारिणी सभा ने महाशिवरात्रि पर पाकिस्तान जाने का निर्णय रद कर दिया है।
भारत-पाक समझौते के तहत प्रतिवर्ष महाशिवरात्रि व शरद पूर्णिमा के अवसर पर भारत के 200 श्रद्धालुओं को पाक के पंजाब प्रांत के चकवाल जिले की चौआ सैदनशाह तहसील में स्थित प्राचीन तीर्थस्थल श्री कटासराज धाम में यह पर्व मनाने की अनुमति प्राप्त है। इस बार भी इस तीर्थ यात्रा के लिए मार्च के प्रथम सप्ताह में जत्थे की रवानगी का कार्यक्रम तय था और इसके लिए श्री रामायण प्रचारिणी सभा व अखिल भारतीय श्री सनातन धर्म सभा आदि संस्थाओं ने श्रद्धालुओं के पासपोर्ट जमा करवा दिए थे, लेकिन ताजा आतंकी घटना को देखते हुए पाकिस्तान न जाने का निर्णय लिया गया है।
अब पाकिस्तान में सुरक्षा की कोई उम्मीद नहीं
श्री रामायण प्रचारिणी सभा अबोहर के महासचिव राकेश नागपाल ने बताया कि श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाशोत्सव से पूर्व भारत व पाकिस्तान सरकारें करतारपुर साहिब में कॉरिडोर बनाने जा रही हैं, लेकिन उससे पूर्व कश्मीर में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झिंझोड़ कर रख दिया है। दो वर्ष पूर्व भी भारत में हुई आतंकी घटनाओं को देखते हुए तीर्थ यात्रियों ने श्री कटासराज यात्रा के दौरान भारी सुरक्षा के चलते अपना कार्यक्रम सीमित कर दिया था। अब पाकिस्तान में उनको सुरक्षा की कोई उम्मीद नहीं है। इसलिए इच्छुक यात्रियों से विचार-विमर्श करने के बाद श्री कटासराज यात्रा पर न जाने का निर्णय लिया गया है।
शहीद जवानों को दी श्रद्धांजलि
इस संबंधी सरहद सोशल वेलफेयर सोसायटी के कार्यालय में बैठक भी की गई। इसमें केन्द्रीय सुरक्षा बल के शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए इस घटना की कड़ी निंदा की गई। संस्था के सदस्यों ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद तय किया कि महाशिवरात्रि पर प्राचीन अमरकुंड में स्नान करने का निर्णय रद कर दिया जाए।