सुरक्षा का दावा, थानों में सोए रहते हैं संतरी
संवाद सहयोगी, फाजिल्का : जिला पुलिस प्रशासन सिटी और सदर थाना में सुरक्षा व्यवस्था के दावे तो कर करता
संवाद सहयोगी, फाजिल्का : जिला पुलिस प्रशासन सिटी और सदर थाना में सुरक्षा व्यवस्था के दावे तो कर करता है, लेकिन दोनों थानों के प्रमुख गेटों पर संतरी तैनात नहीं हैं। नाइट ड्यूटी मुंशी की ओर से थाने में संतरी सहित स्टाफ के 8 से 10 पुलिस मुलाजिमों के होने की बात कही जा रही है, लेकिन दिन और रात के हालात देखकर यह कहना सही होगा कि अगर इन थानों पर अचानक हमला होता है तो पुलिस के लिए संभालना मुश्किल होगा। थाने की चारदीवारी बिना रुकावट फांदकर कोई भी असामाजिक तत्व अंदर जा सकता है।
मंगलवार रात 9:40 पर सिटी थाने का मौका-ए-मुआयना किया गया तो थाने के गेट की संतरी पोस्ट खाली थी, और अंधेरा था। वहां कोई तैनात नहीं था। हां, नाइट मुंशी गेट के बाहर टहलता हुआ मिला। संतरी की पोस्ट खाली होने का कारण पूछा तो नाइट ड्यूटी इंचार्ज ने सुरक्षा व्यवस्था का सवाल बताते हुए कहा कि प्राइवेसी रखना जरूरी है, इसलिए पुख्ता जानकारी नहीं दी जा सकती है, लेकिन स्टाफ पर्याप्त है। सिटी थाने के प्रमुख गेट पर तो लाइट जगती मिली, लेकिन बाहरी हिस्से अंधेरे में ही थे।
सदर थाना फाजिल्का का मौका-ए-मुआयना रात 10:00 बजे किया। थाने के प्रमुख गेट पर संतरी की पोस्ट बनी ही नहीं है। अंदर जाने पर थाने के अंदरुनी कमरों के प्रवेशद्वार पर संतरी असला सहित तैनात मिला। उसके साथ नाइट मुंशी और एक स्टाफ कर्मी मौके पर मिला, जिन्होंने बताया कि तीन संतरी हैं एक ड्यूटी पर है दो अंदर सो रहे हैं। इसके अलावा 6-7 पुलिस कर्मी एक समय थाने में हमेशा होते हैं। सदर थाने में बुधवार दोपहर 12:00 बजे जाकर देखा तो प्रमुख गेट पर संतरी असला सहित तैनात मिला। एसएचओ चुनाव ड्यूटी पर रहे। दोपहर 12:30 सिटी थाना में जाकर देखा तो दिन के समय में भी संतरी की पोस्ट पर कोई नहीं मिला। अंदर स्टाफ के कुछ लोग जरूर मिले।