फाजिल्का से दविद्र घुबाया बने कांग्रेस के उम्मीदवार
कांग्रेस हाईकमान की ओर से आखिरकार फाजिल्का सीट से एक बार फिर मौजूदा विधायक देवेंद्र सिंह घुबाया को टिकट देकर उन पर विश्वास जताया गया है।
जागरण संवाददाता, फाजिल्का : कांग्रेस हाईकमान की ओर से आखिरकार फाजिल्का सीट से एक बार फिर मौजूदा विधायक देवेंद्र सिंह घुबाया को टिकट देकर उन पर विश्वास जताया गया है।
साल 2017 के चुनाव में भी कांग्रेस टिकट के काफी ईच्छुक थे, जिससे हाईकमान को काफी परेशान होना पड़ा। लेकिन चुनाव से कुछ समय पहले शिअद में शामिल पूर्व सांसद शेर सिंह घुबाया कांग्रेस में शामिल हो गए, जिसके बाद उन्होंने अपने बेटे दविदर सिंह घुबाया को भी पार्टी में शामिल करवाया और पार्टी हाईकमान ने चुनाव से कुछ समय पूर्व दविदर घुबाया को फाजिल्का से टिकट थमाई, जिसके बाद कई बागी सुर उठे, लेकिन दविद्र घुबाया ने इस चुनाव में 265 वोटों से जीत हासिल की थी, लेकिन इस बार जब फाजिल्का से टिकट को लेकर सर्वे करवाया तो कई नाम हाईकमान के सामने उम्मीदवार को लेकर आए। यही कारण रहा कि कांग्रेस हाईकमान पहली लिस्ट में फाजिल्का से उम्मीदवार की घोषणा नहीं कर पाई, जबकि टिकट को लेकर रंजम कामरा का नाम भी सामने आ रहा था। लेकिन कांग्रेस हाईकमान ने मौजूदा विधायक देवेंद्र घुबाया पर एक बार फिर से विश्वास दिलाते हुए उन्हें टिकट प्रदान की।
फाजिल्का में धुरंधरों से सजा चुनावी मैदान, कांटेदार होगी टक्कर
मोहित गिल्होत्रा, फाजिल्का : कांग्रेस पार्टी की दूसरी लिस्ट जारी होते ही फाजिल्का की सियासी तस्वीर लगभग साफ हो गई है। पिछले चुनाव में फाजिल्का में कांग्रेस व भाजपा के बीच कांटेदार मुकाबला रहा था, लेकिन इस बार इन चारों प्रमुख पार्टियों के अलावा कई नेता आजाद उम्मीदवार के रूप में भी चुनाव मैदान में उतरने जा रहे हैं। ऐसे में फाजिल्का में इस बार चुनावी मुकाबला बहुकोणीय रहने वाला है और उम्मीदवारों की जीत और हार 1.77 लाख वोटरों के हाथ होगी।
फाजिल्का विधानसभा हलके की बात करें तो कांग्रेस यहां से विधायक दविद्र सिंह घुबाया, भाजपा ने सुरजीत कुमार ज्याणी, शिअद ने हंसराज जोसन व आप ने नरेंद्रपाल सिंह सवना को प्रत्याशी बनाया है।
राय सिख बिरादरी से संबंधित हैं विधायक घुबाया
कांग्रेस प्रत्याशी दविद्र सिंह घुबाया राय सिख बिरादरी से संबंध रखते हैं और फाजिल्का विधानसभा क्षेत्र में इस बिरादरी का काफी वोट बैंक है। इसके अलावा वह पिछले पांच साल से यहां के विधायक हैं, जिस कारण यह चुनाव दूसरे उम्मीदवारों के लिए आसान नहीं होने वाला।
शिअद उम्मीदवार हंसराज जोसन के पास कई चुनाव लड़ने का तुर्जुबा है और वह विधायक के अलावा एक बार मंत्री भी रह चुके हैं। लोगों में उनकी काफी पकड़ होने और शिअद के इस बार अलग होकर चुनाव लड़ने का फायदा वह जरूर उठाना चाहेंगे, जिसके लिए वह लगातार चुनाव प्रचार में जुटे हैं।
वहीं भाजपा के उम्मीदवार सुरजीत ज्याणी तीन बार यहां से विधायक रह चुके हैं। फाजिल्का को जिला बनवाने में भी उनका विशेष सहयोग रहा है। जिस कारण वह भी इस चुनाव में पूरी ताकत झोंक रहे हैं।
आप के उम्मीदवार नरेंद्रपाल सवना समय समय पर लोगों के बीच रहे हैं और मौजूदा समय में उन्हें आप की टिकट मिलने के चलते वह भी कड़ी टक्कर दे सकते हैं। ऐसे में फाजिल्का की सियासी पिक्चर काफी दिलचस्प होने वाली है।
इस बार भी हो सकती है छोटी जीत
सभी पार्टियों के उम्मीदवार मजबूत होने के चलते इस बार मुकाबला काफी कांटेदार होने वाला है और पिछले चुनाव की तरह इस चुनाव में भी जीत छोटी रहने की पूरी संभावना है। पिछले चुनाव में केवल 265 वोटों से हार जीत का फैसला हुआ था। ऐसे में चार प्रमुख उम्मीदवार और अभी आजाद उम्मीदवार भी चुनाव मैदान में आने के चलते इस बार भी छोटी जीत के बीच मुकाबला फंस सकता है।