कोरोना ने सितंबर में ढाया कहर, अब फिर बढ़ने लगे केस
भले ही आज पंजाब में कोरोना का पाजिटिव केस मिले एक साल पूरा हो चुका है। लेकिन फाजिल्का जिले में कोरोना का पहला केस मई माह में मिला था। 22 मार्च के बाद कर्फ्यू लग गया जोकि अप्रैल तक पूरा सख्त रहा।
मोहित गिल्होत्रा, फाजिल्का : भले ही आज पंजाब में कोरोना का पाजिटिव केस मिले एक साल पूरा हो चुका है। लेकिन फाजिल्का जिले में कोरोना का पहला केस मई माह में मिला था। 22 मार्च के बाद कर्फ्यू लग गया, जोकि अप्रैल तक पूरा सख्त रहा। लेकिन मई में मजदूरों व बाहर गए लोगों को धीरे धीरे करते जिले में लाने का कार्य शुरू हुआ।, जिसके चलते फाजिल्का जिले में भी कोरोना ने दस्तक दी। मई माह में कोरोना के कुल 44 केस सामने आए, जबकि 42 लोगों ने कोरोना हिदायतों का पालन करते हुए उसे मात देने में सफलता हासिल की। तब केवल दो केस एक्टिव रह गए थे, जिससे लग रहा था कि जिला एक बार फिर से कोरोना मुक्त होने जा रहा है। लेकिन जून माह में फिर से केस बढ़ने शुरू हो गए, जिसके चलते यह सिलसिला अभी तक जारी है।
भले ही फरवरी तक केस नामात्र ही सामने आ रहे थे, लेकिन अब फिर से कोरोना का एक साल पूरा होने पर केसों की बढ़ने का क्रम शुरू हो गया है।
फाजिल्का में कोरोना से पहली मौत जुलाई महीने में हुई थी, जबकि अगले ही माह अगस्त में कुल 13 लोगों ने कोरोना के आगे जंग हार दी। जहां सितंबर में कुल 21 लोगों की कोरोना से मौत हुई। वहीं 1465 नए केस भी सामने आए। हालांकि 1251 लोगों ने कोरोना को मात भी दी। लेकिन इस माह में मौतों के चलते लोगों में सबसे दहशत का माह सितंबर ही रहा। सरकारी अस्पतालों में अभी भी सैंपलिग जारी
कोरोना के कारण सरकारी अस्पताल में ओपीडी बंद कर दी गई थी। जिस कारण मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों की तरफ रुख करना पड़ा। हालांकि कुछ समय बाद कोरोना हिदायतों के साथ ओपीडी शुरू हो गई। लेकिन आज मौजूदा हालात यह हैं कि भले ही मास्क का प्रयोग तो किया जा रहा है, लेकिन समाजिक दूरी का पालन नहीं हो रहा। भले ही पिछले दो माह से सैंपलिग की रफ्तार थोड़ी कम हो गई थी। लेकिन लगातार सरकारी अस्पताल जलालाबाद, अबोहर, फाजिल्का, जंडवाला भीमेशाह, डबवाला कलां, सीतो गुणो और खुईखेड़ा में कोरोना के टेस्ट लिए जा रहे हैं। इसके अलावा अब स्कूलों में जाकर भी बच्चों और अध्यापकों के सैंपल लिए जा रहे हैं। तीन माह रहे उतार चढ़ाव वाले
कोरोना महामारी के समय लोगों के घरों में कैद हो जाने और व्यवसाय बंद हो जाने के कारण सबसे ज्यादा मार गरीब लोगों और मजूदरों पर पड़ी। भले ही शहर की समाजिक संस्थाएं गरीब लोगों का सहारा बनी। लेकिन तीन माह तक मजदूरों का अपने राज्य जाने के लिए पलायन जारी रहा। जिसके चलते जिला प्रशासन द्वारा बकायदा उनकी सैंपलिग की गई और उन्हें बसों के जरिए उनके राज्यों में भेजा गया। इसके अलावा काफी समय तक सख्त पाबंदियां जारी रहने के चलते कई उद्योग भी बंद रहे। कोट्स
भले ही कोरोना के केस कम हो गए हैं और अब कोरोन वैक्सीन भी आ गई है। लेकिन अभी भी सावधानियां अपनाने की जरूरत है। कई जिलों में कोरोना के केस काफी संख्या में आ रहे हैं। इसलिए लोग बेपरवाह होने के बजाए सेहत विभाग द्वारा जारी की गई हिदायतों का पूर्ण पालन करें। उन्होंने कहा कि अभी तक कोरोना पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ है, इसलिए सावधानियां बरतें।
सिविल सर्जन डा. कुंदनके पाल
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इस तरह से बढ़ते गए मरीज
मई माह में कुल मामले: 44, ठीक हुए 42, मौतें हुई 00
जून माह में कुल मामले: 47, ठीक हुए 29, मौतें हुई 00
जुलाई माह में कुल मामले: 192, ठीक हुए 42, मौतें हुई 01
अगस्त माह में कुल मामले: 629, ठीक हुए 391, मौतें हुई 13
सितंबर माह में कुल मामले: 1465, ठीक हुए 1251, मौतें हुई 21
अक्टूबर माह में कुल मामले: 718, ठीक हुए 1076, मौतें हुई 13
नवंबर माह में कुल मामले: 523, ठीक हुए 550, मौतें हुई 14
दिसंबर माह में कुल मामले: 220, ठीक हुए 339, मौतें हुई 06
जनवरी माह में कुल मामले: 63, ठीक हुए 88, मौतें हुई
फरवरी माह में कुल मामले: 41, ठीक हुए 46, मौतें हुई
मार्च माह में कुल मामले: 17, ठीक हुए 03, मौतें हुई
फाजिल्का में कोरोना के पांच नए केस, चार हुए स्वस्थ संवाद सूत्र, फाजिल्का : जिले में रविवार को कोरोना के जहां 5 नए केस सामने आए हैं, वहीं चार संक्रमित लोग ठीक होकर तंदरूस्त हुए हैं। डीसी अरविदपाल संधू ने लोगों से अपील की कि भीड़ वाली जगह पर जाने से गुरेज किया जाए, सार्वजनिक स्थानों पर 6 फुट की सामाजिक दूरी बरकरार रखी जाए, मुंह पर मास्क जरूर लगाया जाए और खुली जगह पर न थूका जाए।