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2017 में 246 वोटों के अंतर से जीती थी कांग्रेस

वैसे तो चुनाव का नतीजा किस तरफ करवट ले इसका केवल अंदाजा ही लगाया जा सकता है लेकिन अगर फाजिल्का के अब तक के चुनावी इतिहास को देखा जाए तो इस सीट पर हर बार चुनावी नतीजा काफी कड़ा रहता है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Jan 2022 10:29 PM (IST)Updated: Mon, 17 Jan 2022 10:29 PM (IST)
2017 में 246 वोटों के अंतर से जीती थी कांग्रेस
2017 में 246 वोटों के अंतर से जीती थी कांग्रेस

मोहित गिल्होत्रा, फाजिल्का : वैसे तो चुनाव का नतीजा किस तरफ करवट ले, इसका केवल अंदाजा ही लगाया जा सकता है, लेकिन अगर फाजिल्का के अब तक के चुनावी इतिहास को देखा जाए तो इस सीट पर हर बार चुनावी नतीजा काफी कड़ा रहता है। इसका ताजा उदाहरण पिछला विधानसभा चुनाव है, जिसमें मात्र 246 वोटों ने उम्मीदवार की हार जीत का फैसला किया, जबकि इससे पिछले 2012 में भी कड़े मुकाबले में 1692 वोटों के अंतर से ही हार-जीत का फैसला हुआ। हालांकि इस बार तीन नहीं बल्कि चार प्रमुख पार्टियां चुनाव मैदान में होने और आजाद उम्मीदवारों की लिस्ट भी लंबी होने के चलते फाजिल्का विधानसभा में मुकाबला कड़ा देखा जा सकता है।

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फाजिल्का जिले के अब तक के चुनावी सफर की बात करें तो यहां से पांच बार कांग्रेस जीत का परचम लहरा चुकी है, तो चार बार भाजपा का उम्मीदवार यहां से जीत हासिल करने में कामयाब हुआ है। अन्य सियासी पार्टियां भी अब फाजिल्का में जीत का खाता खोलने के लिए प्रयास कर रही हैं। इस विधानसभा चुनावों की बात करें तो इस बार मुकाबला ज्यादा कड़ा हो सकता है, क्योंकि भाजपा व शिअद दोनों अलग-अलग चुनाव लड़ेंगी, तो वहीं कुछ किसान संगठनों ने भी चुनाव लड़ने का ऐलान किया है, जबकि आजाद उम्मीदवारों की लिस्ट भी देखने को मिलेगी। ऐसे में दो लाख के करीब आबादी वाले विधानसभा क्षेत्र फाजिल्का में इस बार कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है।

विधानसभा चुनाव में जहां अब तक सबसे कम संख्या में जीत में 2017, 2012 व साल 1985 शामिल है। तो वहीं साल 2007 में सबसे बड़ी संख्या में वोटों के मामले में जीत रही, जहां विजेता उम्मीदवार ने 16059 वोटों से जीत हासिल की। अब देखना होगा कि इस विधानसभा चुनाव के दौरान मुकाबला कितना फंसा हुआ रहता है और हार-जीत का फैसला कितनी वोटों के बीच होता है।

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साल विजेता उम्मीदवार वोट कितनी वोटों से जीत

2017 दविद्र सिंह घुबाया 39276 246

2012 सुरजीत ज्याणी 40901 1692

2007 सुरजीत ज्याणी 58284 16059

2002 मोहिद्र कुमार 51033 13855

1997 सुरजीत कुमार 41790 12121

1992 मोहिद्र कुमार 20322 6278

1985 राधा कृष्ण 30089 1365

1980 कांशी राम 26487 10389

1977 कांशी राम 23413 3484

1972 कांशी राम 28309 14464


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