धान की पराली व अवशेष को आग लगाने पर पाबंदी
जिला मजिस्ट्रेट अरविन्द पाल सिंह संधू ने में धान की पराली व अवशेष को आग लगाने पर पाबंदी के आदेश दिए हैं।
संवाद सूत्र, फाजिल्का : जिला मजिस्ट्रेट अरविन्द पाल सिंह संधू ने में धान की पराली व अवशेष को आग लगाने पर पाबंदी के आदेश दिए हैं। यह आदेश 22 नवंबर 2021 तक लागू रहेंगे। जिला मजिस्ट्रेट ने बताया कि धान की कटाई शुरू की जा चुकी है। देखने में आया है कि धान की फसल काटने के उपरांत जमीन मालिकों की तरफ से धान की अवशेष को आग लगा दी जाती है। जिससे हवा में धुएं से प्रदूषण फैलता हैं। अवशेष को आग लगने से जमीन की उपजाऊ शक्ति घटती है।
इससे आसपास खड़ी फसल या गांव में आग लगने का डर रहता है, जिससे कई बड़े हादसे भी घट सकते हैं। सड़क के आसपास अवशेष को आग लगाने से यातायात में विघ्न पड़ता है और कई हादसे हो जाते हैं। इसके साथ गांवों में लड़ाई झगड़ा होने का डर भी रहता है। इसको रोकना लोक हित में बहुत जरूरी है।
रात को कंबाइनों से धान की कटाई पर पाबंदी संवाद सूत्र, फाजिल्का : जिला मजिस्ट्रेट अरविद पाल सिंह संधू ने जिले में शाम सात बजे से सुबह 10 बजे तक कंबाइनों से धान की कटाई करने पर पाबंदी के आदेश जारी किए हैं। यह आदेश 22 नवंबर 2021 तक लागू रहेंगे।
जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जारी आदेशों अनुसार जिले में धान की कटाई का सीजन शुरू होने वाला है और जिले की मंडियों में धान की आमद भी शुरू होने वाली है। हर साल देखने में आता है कि कंबाइन मालिकों द्वारा धान को पूरी तरह पकने से पहले ही नमी वाला धान की फसल काट दिया जाता है। किसानों द्वारा नमी वाला धान की फसल मंडियों में लाने पर खरीद एजेंसियों द्वारा उस धान की बोली नहीं दी जाती, जिस कारण मंडियों में तनाव की स्थिति पैदा होती है। ऐसी स्थिति से छुटकारा पाने के लिए हरे धान की फसल काटने और रात को धान की कटाई और पाबंदी लगाई गई है। इस के अलावा जिला फाजिल्का में धान की कटाई करने वाले कंबाइनों के मालिकों को यह भी हिदायत की है कि कोई भी कंबाइन हारवेस्टटर सुपर एसएमएस लगाए बिना फसल की कटाई नहीं करेगा।