पराली न जलाने का संदेश देगी जागरूकता वैन
जिले में एक लाख 20 हजार हेक्टेयर रकबे में बिजी धान की फसल की कटाई का कार्य लगभग शुरू हो गया है जिसको लेकर जिला प्रशासन ने धान की पराली को आग ना लगाई जा सके इसको लेकर प्रयास शुरू कर दिए हैं।
संवाद सूत्र, फाजिलका : जिले में एक लाख 20 हजार हेक्टेयर रकबे में बिजी धान की फसल की कटाई का कार्य लगभग शुरू हो गया है, जिसको लेकर जिला प्रशासन ने धान की पराली को आग ना लगाई जा सके, इसको लेकर प्रयास शुरू कर दिए हैं। इसी के तहत बुधवार को फाजिल्का के डिप्टी कमिश्नर अरविदपाल संधू ने कृषि व किसान कल्याण विभाग के छह प्रचार वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह वाहन जिले के गांवों में किसानों को पराली को जलाने की बजाय कृषि विभाग द्वारा बताए गए तरीकों के साथ पराली का निपटारा करने के लिए वाहन जागरूक करेंगे।
इस मौके डीसी संधू ने बताया कि पिछले तीन सालों में जिले में 2190 नई मशीनें सब्सिडी पर उपलब्ध करवाई गई हैं। पराली की सही तरीके के साथ संभाल की जाए तो इसके साथ जमीन की उपजाऊ शक्ति बढ़ती है और किसान की आमदन में वृद्धि होती है। उन्होंने किसानों से अपील की कि वह लंबे समय के लिए टिकाऊ खेती माडल को समझें, क्योंकि हमारी आने वाली पीढ़ी ने भी इसी जमीन व खेती करनी है। इसलिए जरूरी है कि हम अपनी जमीन की सेहत के साथ खिलवाड़ न करें और आग लगाकर जमीन के खुराकी तत्व नष्ट न करें। उन्होंने खेतीबाड़ी विभाग को हिदायत की है कि वह किसानों का हर तरीके के साथ मार्गदर्शन करे। इस मौके सहायक कमिश्नर जनरल कंवरजीत सिंह, पराली प्रबंधन नोडल अफसर सरवन कुमार, परमिन्दर सिंह व अन्य उपस्थित थे।
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एसएमएस के बिना वाली कंबाइन होगी जब्त
डीसी ने कहा कि इस साल बिना एसएमएस वाली कंबाइन के साथ धान की कटाई की आज्ञा नहीं होगी और ऐसी कंबाइन जब्त कर ली जाएगी। मुख्य कृषि अफसर सुरिन्दर सिंह ने कहा कि इस बार कोरोना की महामारी के कारण जरूरी है कि धान की पराली को बिल्कुल न जलाया जाए क्योंकि इसके साथ कोविड मरीजों के लिए पराली का धुआं बड़ी समस्या बन सकती है।