कारगिल युद्ध के दौरान मानसिक रूप से अस्वस्थ रिटायर्ड फौजी की संदिग्ध मौत
अबोहर कारगिल युद्ध के दौरान मानसिक रूप से अस्वस्थ हुए सेवानिवृत्त फौजी व बाबा दीप सिंह नगर निवासी का शव शुक्रवार को संदिग्ध हालत में घर के निकट ही पड़ा मिला। सूचना मिलने पर सीडफार्म चौकी पुलिस मौके पर पहुंची और मृतक के परिजनों के पहुंचने पर शव को पोस्टमार्टम के लिए सरकारी अस्पताल में रखवा दिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
संवाद सहयोगी, अबोहर : कारगिल युद्ध के दौरान मानसिक रूप से अस्वस्थ हुए सेवानिवृत्त फौजी व बाबा दीप सिंह नगर निवासी का शव शुक्रवार को संदिग्ध हालत में घर के निकट ही पड़ा मिला। सूचना मिलने पर सीडफार्म चौकी पुलिस मौके पर पहुंची और मृतक के परिजनों के पहुंचने पर शव को पोस्टमार्टम के लिए सरकारी अस्पताल में रखवा दिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। सेवानिवृत फौजी रणजीत सिंह (41) पुत्र स्वर्ण सिंह के भाई कुलदीप सिंह काला ने बताया कि उसका भाई 1999 में कारगिल युद्ध में ऑपरेशन रक्षक के दौरान मानसिक रूप से अस्वस्थ हो गया था। तीन माह तक चले इलाज के बाद उसे भारतीय सेना की ओर से डिस्चार्ज कर दिया गया। उसके बाद से वह घर पर ही रह रहा था। उन्होंने अपने स्तर पर उसका काफी इलाज करवाया, लेकिन वह ठीक नहीं हो पाया। काला सिंह ने बताया कि वह मां के साथ चंडीगढ़ गया था और उसका भाई घर पर अकेला था। शुक्रवार सुबह पड़ोसियों ने उन्हें फोन पर बताया कि उसका भाई घर के बाहर पड़ा हुआ है। वह घर पहुंचे तो रणजीत सिंह का शव घर के बाहर बनी लोहे की एक एंगल के साथ गड्ढे में पड़ा था। सिर और गर्दन पर चोटों के निशान थे। सीडफार्म चौकी के इंचार्ज आत्माराम ने रणजीत सिंह के शव को पोस्टमार्टम के लिए सरकारी अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया। पुलिस जांच कर रही है।