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35 करोड़ के कर्ज में डूबी नगर कौंसिल

अबोहर : पिछले 10 साल से विवादों का केंद्र बनी नगर कौंसिल में आर्थिक संकट गहरा गया है। इस समय यह 35 करोड़ के कर्ज में डूबी है। अकेले बिजली के बिलों का करीब 22 करोड़ बकाया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Sep 2018 10:54 PM (IST)Updated: Tue, 18 Sep 2018 10:54 PM (IST)
35 करोड़ के कर्ज में डूबी नगर कौंसिल
35 करोड़ के कर्ज में डूबी नगर कौंसिल

दीपक पोहिया, अबोहर :

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पिछले 10 साल से विवादों का केंद्र बनी नगर कौंसिल में आर्थिक संकट गहरा गया है। इस समय यह 35 करोड़ के कर्ज में डूबी है। अकेले बिजली के बिलों का करीब 22 करोड़ बकाया है। पिछले 4 महीने से कौंसिल के 300 कर्मचारियों को तनख्वाह तक नहीं मिली है। दबाब बढ़ता देख अधिकारियों को एक दिन पहले ही सिर्फ एक महीने की सेलेरी जारी करनी पड़ी है। कर्मचारी नगर कौंसिल को पंजाब की सबसे कंगाल कौंसिल बता रहे हैं। कर्मचारियों का 3.45 करोड़ रुपया अटका पड़ा है। कर्मचारियों की हर माह 1.15 करोड़ रुपये सेलेरी बनती है जबकि कौंसिल की आय महज 20 लाख रुपये महीने ही रह गई है। जीएसटी से जो पैसा आता है उसे भी जोड़ दें, फिर भी मासिक सेलरी के पैसे पूरे नहीं होते।

पिछले 15 साल से नहीं भरा बिजली का बिल

कौंसिल सूत्रों ने बताया कि बिजली का बिल लगातार बढ़ रहा है। पिछले 15 साल से इसे भरा ही नहीं गया। डेढ़ साल पहले बिजली विभाग ने 18 करोड़ के बिल न भरने के कारण पूरे शहर की स्ट्रीट लाइट, बस स्टैंड, वाटर व‌र्क्स, डिस्पोजल की लाइट काट दी थी। कौंसिल प्रशासन द्वारा काफी मिन्नतें करने के बाद दोबारा शुरू हुई थी। तब से अब तक 4 करोड़ का बकाया बिल और चढ़ गया। नगर कौंसिल के ईओ गुरदास ¨सह का कहना है कि बिल भरना सीवरेज बोर्ड का काम है। जबकि सीवरेज बोर्ड इनकारी करता रहा है। बिना चले ही कबाड़ हो गई 10 लाख की गाड़ी

नगर कौंसिल में पिछले 12 साल से खड़ी स्कोर्पियो रहस्य बनी हुई है। वर्ष 2005 में इसे करीब 10 लाख रुपये में खरीदा गया था लेकिन हरियाणा के हिसार में एक्सीडेंट के बाद इसे चलाया ही नहीं गया। एक्सीडेंट के बाद इसे ठीक भी करवा लिया गया था। ईओ का कहना है कि वे इसमें बैठने का रिस्क नहीं ले सकते। उन्हें पता नहीं कि इसके कागजात हैं भी या नहीं और किन कारणों के चलते पिछले 10 साल से एक ही जगह खड़ी है।


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