फाजिल्का जिले के सरकारी स्कूलों में 8608 विद्यार्थियों की हुई बढ़ोतरी
पंजाब सरकार द्वारा पिछले कुछ वर्षो के दौरान सरकारी स्कूलों के लिए किए गए प्रयासों के तहत फाजिल्का जिले के नए सेशन में 8608 विद्यार्थियों का विस्तार दर्ज किया गया है।
संवाद सूत्र, फाजिल्का : पंजाब सरकार द्वारा पिछले कुछ वर्षो के दौरान सरकारी स्कूलों के लिए किए गए प्रयासों के तहत फाजिल्का जिले के नए सेशन में 8608 विद्यार्थियों का विस्तार दर्ज किया गया है। शिक्षा मंत्री विजय इंद्र सिगला के संरक्षण में सचिव स्कूल शिक्षा कृष्ण कुमार द्वारा स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ की साप्ताहिक बैठक में नए दाखिलों संबंधी डीईओ सेकेंडरी डा. त्रिलोचन सिंह सिद्धू व डीईओ एलिमेंट्री डा. सुखवीर सिंह बल के साथ विस्तार से चर्चा की। आंकड़ों से अनुसार नए सेशन के पहले महीने अप्रैल 2021 तक जिले के सरकारी स्कूलों में 156462 विद्यार्थी दाखिल हो चुके हैं। जबकि पिछले सेशन के दौरान विद्यार्थियों की संख्या 147854 थी। इस तरह एलकेजी से लेकर 12वीं कक्षा तक पिछले सेशन की अपेक्षा 8608 विद्यार्थी अधिक दाखिल हो चुके हैं। जिले के सरकारी सेकेंडरी स्कूलों में पिछले वर्ष 77000 विद्यार्थी दाखिल थे और इस बार 82597 बच्चे दाखिल हो चुके हैं। इस तरह सेकेंडरी विग में विद्यार्थियों का विस्तार 7.28 प्रतिशत हो चुका है। पहली से पांचवी कक्षा तक पिछले सेशन में 53595 बच्चे पढ़ते थे और इस बार 55381 विद्यार्थी दाखिल हो चुके हैं। प्राइमरी विग में 3.25 प्रतिशत विस्तार दर्ज किया गया है। प्री-प्राइमरी क्लासों में पिछले सेशन में 17259 बच्चे थे और इस बार 7.25 प्रतिशत वृद्धि के साथ 18494 बच्चे दाखिल हो चुके हैं। जिले का ब्लाक फाजिल्का पहले, गुरुहरसहाय 3 दूसरे और जलालाबाद 2 तीसरे स्थान पर चल रहा है। नुक्कड़ नाटकों से दाखिले के लिए किया जा रहा प्रेरित
डीईओ डा. सिद्धू का कहना है कि पंजाब सरकार के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा सरकारी स्कूलों का स्तर हर पक्ष से ऊंचा उठाने की वजह से ही इन स्कूलों में विद्यार्थियों का बड़ा विस्तार हो रहा है। हर वर्ग के लोग अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाने को प्राथमिकता देने लगे हैं। डीईओ एलीमेंट्री डा. बल ने बताया कि शिक्षा विभाग ने इस बार दाखिला मुहिम बहुत ही योजनाबद्ध तरीके से चलाई हुई है। विभाग द्वारा जहां रिवायती साधनों नुक्कड़ नाटकों, गीतों, मेलों, धार्मिक स्थानों के द्वारा अपीलें और घर-घर जा कर, माता-पिता को सरकारी स्कूलों में बच्चे दाखिल करवाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।