Move to Jagran APP

पत्नी-बेटी को गुजारा भत्ता नहीं दिया तो 10 महीने तक हर माह 14 दिन कैद

एक व्‍यक्ति तलाक के बाद पत्‍नी आैर बेटी को गुजारा भत्‍ता नहीं देता था। इस पर अदालत ने उसे रोचक सजा सुनाई। काेर्ट ने उसे 10 महीने तक हर माह 14 दिन जेल में काटने की सजा सुनाई।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 18 May 2018 01:10 PM (IST)Updated: Sun, 20 May 2018 08:48 PM (IST)
पत्नी-बेटी को गुजारा भत्ता नहीं दिया तो 10 महीने तक हर माह 14 दिन कैद
पत्नी-बेटी को गुजारा भत्ता नहीं दिया तो 10 महीने तक हर माह 14 दिन कैद

जेएनएन, फाजिल्का। अदालत ने आदेश के बावजूद पत्नी व बेटी को गुजारा भत्ता नहीं देने वाले व्‍यक्ति को 140 दिन कैद की सजा सुनाई,लेकिन यह फैसला बेहद रोचक है। अदालत ने कहा कि चूंकि दोषी व्‍यक्ति 10 महीने से पत्नी व बेटी को गुजारा भत्ता नहीं दे रहा था इसलिए उसे 10 महीने तक हर महीने 14 दिन जेल में काटने होंगे। फैसले के बाद दोषी को सब जेल फाजिल्का भेज दिया गया।

loksabha election banner

अदालत के आदेश के बावजूद 10 महीने से नहीं दे रहा था गुजारा भत्ता

यह फैसला यहां चीफ ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट अमन गर्ग ने सुनाया। पीड़ित महिला परमजीत कौर ने हरियाणा के सिरसा में रहने वाले पति हरजिंदर सिंह के खिलाफ अदालत के आदेश के बावजूद गुजारा भत्ता न देने पर केस दायर किया था। 21 जुलाई 2017 को अदालत ने हरजिंदर सिंह को आदेश दिया था कि वह पत्नी को 2500 रुपये प्रतिमाह और बेटी सीरत को 1500 रुपये प्रतिमाह का गुजरा भत्‍ता दे। 

यह भी पढ़ें: प्रेमिका ने काटा युवक का प्राइवेट पार्ट, डॉक्टरों ने 12 घंटे की सर्जरी कर जोड़ा

परमजीत कौर ने अदालत में याचिका दायर कर आरोप लगाया कि पिछले 10 महीने से अदालत के आदेश की अवहेलना करते हुए हरजिंदर ने पत्नी व बेटी को एक रुपये भी गुजारा भत्ता नहीं दिया। अदालत ने हरजिंदर सिंह के खिलाफ कंडीशनल वारंट जारी कर दिए थे। पुलिस को आरोपी के फाजिल्का आने की सूचना मिली तो उसे गिरफ्तार कर लिया गया और उसे अदालत में पेश किया।

शराब पीकर करता था पत्नी से मारपीट

हरजिंदर सिंह और परमजीत कौर शराब के कारण घर में कलह और मारपीट होने के बाद वर्ष 2016 को अलग हो गए थे। दोनों की एक बेटी है जो मां के साथ रहती है। हरजिंदर सिंह सब्जी की स्टॉल लगाता है।

एकमुश्त गुजारा भत्ता देकर बच सकता है सजा से

हरजिंदर सिंह के पास सजा से बचने के दो रास्ते हैं। पहला कि उसे जिस कंडीशनल वारंट पर गिरफ्तार किया गया है उसके तहत वह पत्नी व बेटी को पिछले 10 महीने की गुजारा भत्ते की राशि ब्याज सहित करीब 56 हजार रुपये चुका दे और जमानत हासिल कर ले। दूसरा कि फैसले के खिलाफ सत्र न्यायालय में याचिका दायर कर सकता है।

यह भी पढ़ें: शादी से पहले युवती होनेवाले दूल्‍हे से कर रही थी बात, भाई ने कर दी हत्‍या

कानूनविदों के अनुसार 125 सीआरपीसी के तहत पत्नी की ओर से गुजारा भत्ता के लिए दायर मामलों में पहले अधिकतम सजा एक महीना होती थी। अब हाईकोर्ट की ओर से एक ऐसे ही मामले में गुजारा भत्ता न देने पर एक माह की 10 दिन तक की सजा सुनाए जाने के फैसले को नजीर मानते हुए फाजिल्का में चीफ ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट ने 10 महीने तक हर माह 14 दिन कैद की सजा सुनाई है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.