रावण वध के साथ ही श्रीरामलीला संपन्न
शहर में विभिन्न क्लबों की धार्मिक स्टेजों पर चल रही श्रीरामलीलाओं के मंचन में रावण वध के साथ ही संपन्न हो गई।
संवाद सहयोगी, सरहिद : शहर में विभिन्न क्लबों की धार्मिक स्टेजों पर चल रही श्रीरामलीलाओं के मंचन में रावण वध के साथ ही संपन्न हो गई। नगर कौंसिल स्टेज पर श्री रामा कृष्णा ड्रामाटिक क्लब की ओर से करवाई जा रही प्रभु लीला में लक्ष्मण मूर्छित का प्रसंग पेश किया गया। जिसके बाद कुंभकरण की ओर से रावण को माता सीता को श्री राम जी को लौटाने को लेकर समझाने में असफल रहने पर युद्ध में अपने प्राण त्यागने व इंद्रजीत मेघनाथ की मृत्यु उपरांत रावण आहत हो जाता है। युद्ध के दौरान श्री राम के हाथों मरने से पहले महा विद्वान रावण लक्ष्मण जी को शिक्षा देते हुए कहता है कि अच्छे कार्य में देरी तथा बुरे कार्य में जल्दी नहीं करनी चाहिए। मंचन में प्रभु राम जी द्वारा जीवन दान देने को नकारते हुए राजा रावण ने कहा कि उसे पता था कि वह नारायण अवतार हैं। वह तो मोक्ष हासिल करना चाहता था, जो आज उसे मिल गया है।