Move to Jagran APP

अमलोह में इस बार होगा बहुकोणीय मुकाबला

जिला फतेहगढ़ साहिब के तीन विधानसभा हलके हैं। इनमें हलका अमलोह-56 में बहुकोणीय मुकाबला होगा।

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Jan 2022 04:35 PM (IST)Updated: Sat, 22 Jan 2022 04:35 PM (IST)
अमलोह में इस बार होगा बहुकोणीय मुकाबला
अमलोह में इस बार होगा बहुकोणीय मुकाबला

इकबालदीप संधू,मंडी गोबिदगढ़

loksabha election banner

जिला फतेहगढ़ साहिब के तीन विधानसभा हलके हैं। इनमें हलका अमलोह-56 में बहुकोणीय मुकाबला होगा। 2017 के चुनाव में यहां से कांग्रेस उमीदवार ने जीत दर्ज की थी। इस बार किसान पार्टी पहली बार चुनाव मैदान में आ रही है। किसान पार्टी व भाजपा के उम्मीदवार जीतने के लिए किस पार्टी को सबसे ज्यादा वोटों का नुकसान करेंगे यह देखने वाली बात होगी। हलका अमलोह में कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, शिरोमणि अकाली दल-बसपा गठजोड व अकाली दल अमृतसर, भाजपा की ओर से उम्मीदवार घोषित कर दिए गए व संयुक्त समाज मोर्चा की और से उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया गया। हालांकि आप पार्टी की और से गैरी बारिग, शिअद-बसपा गठबंधन के गुरप्रीत सिंह राजु खन्ना ,कांग्रेस के रणदीप सिंह काका, शिरोमणि अकाली दल अमृतसर से लखवीर सिंह के साथ अब भाजपा से कंवरवीर टोहड़ा को चुनाव मैदान में उतारने के बाद यहां बहुकोणीय मुकाबला बन गया है। अमलोह में 143735 वोटर हैं जिनमें 75730 पुरुष, 68003 महिला और दो थर्ड जेंडर हैं। उक्त वोटर 20 फरवरी को अमलोह हलके के इन उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे। इस बार अकाली दल और भाजपा अलग-अलग चुनाव लड़ रहा है। इस हलके में गांवों में अकाली दल आगे रहता था जबकि अमलोह व मंडी गोबिदगढ़ की शहरी वोट का काफी असर यहां असर रखता है जोकि कांग्रेस की जीत कराती आ रही है लेकिन इस बार हालात पहले जैसे नहीं हैं।

यह हैं मुख्य फैक्टर

पहले तो बात करते हैं मौजूदा हलका विधायक काका रणदीप सिंह पार्टी कांग्रेस की तो अब पंजाब में दिल्ली हाईकमान से लेकर राज्य में चल रही कांग्रेस नेताओं की खींचतान की तो लोग अब इन बातों से ऊभ चुके हैं। इसके अलावा दिल्ली हाईकमान के ठोस नतीजे व देश में अपना वर्चस्व कम करती कांग्रेस अब पहले जैसे ताकतवर नहीं जैसे की 2017 के विधाससभा चुनाव में नजर आती थी। क्योंकि तब कैप्टन अमरिदर सिंह पंजाब में काफी अहम थे। इसके बाद चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाने के बाद कांगेस की हालत बदली है। अकाली दल -भाजपा गठबंधन टूटने से अकाली दल को शहरी वोट का खासा नुकसान झेलना पड़ सकता है। इसके अलावा आम आदमी पार्टी तो अब पहले से थोड़ी ज्यादा मजबूत हुई है।

काका रणदीप सिंह को मिले थे 39669 वोट

2017 में कांग्रेस पार्टी के उम्मदीवार काका रणदीप सिंह को 39669 वोट मिले थे। वहीं दूसरे नंबर पर अकाली-भाजपा गठबंधन प्रत्याशी गुरप्रीत सिंह राजू खन्ना को 35723 वोट मिले थे। तीसरे नंबर पर आम आदमी पार्टी के उम्मीवार गुरप्रीत सिंह भट्टी को 30573 वोट हासिल हुए थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.