पराली से कमाई : खुद की मशीनरी का मालिक बना किसान, एक हजार एकड़ को आग से बचाया
छह वर्ष पहले जो किसान खुद के खेतों में पराली को आग लगा गेहूं की बिजाई करता था और पराली प्रबंधन की योजनाओं को किसान विरोधी करार दे रहा था वह आज पराली से ही लाखों की कमाई कर रह है।
धरमिदर सिंह, फतेहगढ़ साहिब
छह वर्ष पहले जो किसान खुद के खेतों में पराली को आग लगा गेहूं की बिजाई करता था और पराली प्रबंधन की योजनाओं को किसान विरोधी करार दे रहा था, वह आज पराली से ही लाखों की कमाई कर रह है। यही नहीं पराली प्रबंधन में खुद का ताम-झाम खड़ा करके मशीनरी का मालिक भी बना हुआ है। इन दिनों यह किसान एक हजार एकड़ में पराली को आग लगने से बचा जा रहा है। पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने वाला यह किसान धरमिदर सिंह है, जोकि अमलोह ब्लाक के गांव माजरी किशने वाली का रहने वाला है। किसान की मेहनत और प्रयासों का उदाहरण देकर कृषि विभाग दूसरे किसानों को जागरूक कर रहा है। किसान धरमिदर सिंह ने छह वर्षों से अपने खेतों में पराली को आग नहीं लगाई। सात एकड़ जमीन के मालिक यह किसान ने गेहूं की बिजाई हैप्पी सीडर से कर रहा है। पराली प्रबंधन के लिए तीन बेलर व दो रेक मशीनें खरीदी हुई हैं। इस मशीनरी से यहां इलाके के पचास लोगों को रोजगार मुहैया कराया है, वहीं एक हजार एकड़ रकबे से पराली इकट्ठी करके पर्यावरण में जहर घुलने से भी रोका है। इसके अलावा धरमिदर किसानों को पराली जलाने से धरती के खत्म होने वाले अंदरुनी जरूरी तत्वों की जानकारी मुहैया कराकर जमीन की उपजाऊ शक्ति बढ़ाने की प्रेरणा भी दे रहा है।
ब्लाक अमलोह से कृषि विभाग के सहायक टेक्निकल मैनेजर नवप्रीत सिंह ने धरमिदर सिंह के खेतों का निरीक्षण करते हुए उनके कार्यों की सराहना की।