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फतेहगढ़ साहिब में सुखबीर बादल का विरोध, एसजीपीसी सदस्य और शिअद जिलाध्यक्ष पर हमला

शहीदी सभा समाप्त होने के बाद सोमवार को गुरुद्वारा श्री फतेहगढ़ साहिब शहीदों को नमन करने पहुंचे शिरोमणि अकाली दल (बादल) के अध्यक्ष सुखबीर बादल का विरोध हुआ।

By JagranEdited By: Published: Tue, 29 Dec 2020 05:40 AM (IST)Updated: Tue, 29 Dec 2020 05:40 AM (IST)
फतेहगढ़ साहिब में सुखबीर बादल का विरोध, एसजीपीसी सदस्य और शिअद जिलाध्यक्ष पर हमला
फतेहगढ़ साहिब में सुखबीर बादल का विरोध, एसजीपीसी सदस्य और शिअद जिलाध्यक्ष पर हमला

धरमिदर सिंह, फतेहगढ़ साहिब

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शहीदी सभा समाप्त होने के बाद सोमवार को गुरुद्वारा श्री फतेहगढ़ साहिब शहीदों को नमन करने पहुंचे शिरोमणि अकाली दल (बादल) के अध्यक्ष सुखबीर बादल का विरोध हुआ। चालीस के करीब युवाओं ने किसान यूनियन की झंडियां व काली झंडियां लेकर पूर्व उप मुख्यमंत्री की गाड़ी घेर ली। सुखबीर तक पहुंचने के लिए प्रदर्शनकारियों ने पुलिस से धक्का मुक्कीभी की। गुरुद्वारा साहिब का इमरजेंसी के लिए रखा दरवाजा खोलकर सुखबीर की गाड़ियों का काफिला मोरिडा की तरफ रवाना किया गया। जबकि, उनका रूट चंडीगढ़ का था। सुखबीर के जाने के बाद प्रदर्शनकारियों ने एसजीपीसी सदस्य अवतार सिंह रिया और शिअद (ब) के जिलध्यक्ष जगदीप सिंह चीमा पर हमला कर दिया। दोनों नेता मुश्किल से बचकर गुरुद्वारा साहिब के मीटिग रूम पहुंचे। सूत्रों की मानें तो इस दौरान एक नेता की पगड़ी भी उतार दी गई। हुआ यूं कि सुखबीर बादल करीब साढ़े चार बजे गुरुद्वारा श्री फतेहगढ़ साहिब नतमस्तक होने पहुंचे थे। माथा टेकने के बाद वे प्रबंधकीय कांप्लेक्स स्थित मीटिग हाल में पत्रकार सम्मेलन करने लगे। अभी सम्मेलन खत्म होने पर सुखबीर बादल ने चाय पीनी थी कि बाहर से नारेबाजी की आवाजें आने लगीं। सुखबीर के सुरक्षा कर्मी ने उन्हें बताया कि बाहर प्रदर्शन हो रहा है तो वे बिना रुके ही हाल से निकले। प्रदर्शनकारियों ने सुखबीर की गाड़ियों का काफिला घेर लिया। जिसके चलते सुखबीर की गाड़ी की दिशा बदलकर गुरुद्वारा साहिब के शौचालय के पास हमेशा बंद रहने वाला गेट खोलकर गाड़ियां निकाली गईं। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि शिरोमणि अकाली दल भाजपा का ही दूसरा रूप है। दोनों पार्टियों ने मिलकर किसानों से धोखा किया है। वे इन पार्टियों का पूरी तरह से बायकाट करेंगे और इनके जनप्रतिनिधियों का इसी प्रकार विरोध करते रहेंगे। खास बात यह रही कि प्रदर्शनकारियों में कोई नामी चेहरा नहीं था। सभी आसपास के गांवों के युवा थे, जो कृषि सुधार कानूनों को लेकर विरोध कर रहे थे। बताया जाता है कि ये युवा गुरुद्वारा साहिब के बाहर लंगर भी लगाते हैं। शिअद ने अपने स्तर पर प्रदर्शनकारियों की पहचान करना शुरू कर दिया था। उधर, एसजीपीसी सदस्य रिया और शिअद जिलाध्यक्ष चीमा ने हमले की बात को स्वीकार करते हुए कहा कि वे इसे लेकर कोई शिकायत नहीं करेंगे। एसपी (आई) जगजीत सिंह जल्ला ने कहा कि अगर उनके पास शिकायत आएगी तो बनती कार्रवाई करेंगे।


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