दरबार साहिब में कांग्रेस नेता के सिद्धू को सिरोपा देने पर एसजीपीसी ने जताई आपत्ति
जहां नवजोत सिद्धू हों और कोई विवाद न पैदा हो। ऐसा बहुत कम होता है। सिद्धू का विवादों से पुराना नाता है।
धरमिदर सिंह, फतेहगढ़ साहिब :
जहां नवजोत सिद्धू हों और कोई विवाद न पैदा हो। ऐसा बहुत कम होता है। सिद्धू का विवादों से पुराना नाता जुड़ा हुआ है। कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद विवादों से बचने के लिए बेशक सिद्धू बेबाकी से बच रहे हैं, शनिवार को फतेहगढ़ साहिब में भी सिद्धू ने शायद इसी लिए सियासी मसलों पर बात करने से इंकार कर दिया।
सिद्धू सीधे तौर पर तो विवाद से बच गए लेकिन प्रशासन और कांग्रेस की चूक ने विरोधियों को मौका दे ही दिया। गुरुद्वारा श्री फतेहगढ़ साहिब में माथा टेकने पहुंचे नवजोत सिद्धू को दरबार साहिब के अंदर नगर कौंसिल सरहिद के वरिष्ठ उपाध्यक्ष गुरप्रीत सिंह लाली और एक अन्य कांग्रेसी कार्यकर्ता ने सिरोपा देकर सम्मानित किया। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्य जत्थेदार करनैल सिंह पंजोली ने विरोध करते हुए इसे मर्यादा का उल्लंघन बताया।
पंजोली ने कहा कि दरबार साहिब के अंदर मुख्य ग्रंथी ही सिरोपा दे सकते हैं। जब कोई माननीय गुरु घर के दर्शन करने आता है तो एसजीपीसी की तरफ से मुख्य ग्रंथी खुद वहां मौजूद रहकर सिरोपा देते हैं। सिद्धू को सिरोपा देकर जो मर्यादा भंग और प्रबंधों में दखलअंदाजी की गई, इसे लेकर वे एसजीपीसी अध्यक्ष जगीर कौर को पत्र लिखेंगे। मांग की जाएगी कि समूह गुरुद्वारा साहिबों को लिखित आदेश दिए जाएं कि भविष्य में किसी भी गुरु घर के अंदर ऐसा नहीं होना चाहिए। पंजोली ने कहा कि अगर कांग्रेस ने सिद्धू का सम्मान करना था तो दरबार साहिब के बाहर किया जा सकता था।
उधर, कौंसिल उपाध्यक्ष लाली ने बैठक में व्यस्त होने की बात कहते हुए फोन काट दिया।
सिद्धू पर भड़के बीर दविदर, कहा - गुरु घरों की घेराबंदी बेअदबी
नवजोत सिद्धू के फतेहगढ़ साहिब आगमन को लेकर पुलिस प्रशासन ने शनिवार सुबह दस बजे ही चारों तरफ से शहर को सील कर दिया था। जिन धार्मिक स्थानों पर सिद्धू ने जाना था वहां भी नाकाबंदी कर ट्रैफिक डायवर्ट कर दिया गया था। पंजाब विधान सभा के पूर्व डिप्टी स्पीकर बीर दविदर सिंह ने इसकी निदा करते हुए कहा कि गुरु घरों की घेराबंदी बेअदबी है। शहर को सील करते हुए लोगों को परेशान किया गया।